महिला स्वरोजगार पर प्रदेश सरकार का बड़ा रुख, आत्मनिर्भरता पर जोर

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हिमांचल प्रदेश में सूबे की सरकार ने महिला स्वरोजगार पर कड़ा रुख अपनाते हुए मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के तहत बड़ी राहत प्रदान करने का फैसला लिया है। इस योजना में 50 साल तक की महिलाएं ऋण के लिए आवेदन कर सकती है। इससे पहले योजना में आयु सीमा 45 साल थी। स्वावलंबन योजना में इस बार 18 नई गतिविधियों को भी जोड़ा जा रहा है। इसमें कृषि, पशुपालन, आदि को विशेष महत्व दिया जा रहा है। सीएम स्वावलंबन योजना में सरकार ने 60 साल की बजाह एक करोड़ का प्रावधान रखा है। इसके तहत महिलाओं को 25 फीसदी और विधवा महिलाओं को 35 फीसदी की सब्सिडी मिल सकेगी। जिला मंडी में 100 से अधिक महिलाओं को अब तक इस योजना से जोड़ा जा चुका है।

आयु सीमा 50 साल तक होने से कृषि, पशुपालन, डेयरी सहित अन्य गतिविधियों को इसमें शामिल किए जाने से महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी। एक करोड़ रुपए तक के ऋण में 60 लाख रुपए तक की सबसिडी का प्रावधान होगा। अब तक 69 मामलों में 18 करोड़ के ऋण स्वीकृत किए गए है। मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना में सामिल की नई नी योजनाओं में अब तक उन्नत डेयरी विकास, दूध व दुग्ध उत्पादक के लिए कोल्ड स्टोरेज सुवधाओं तय की जा ही है। इसके अलावा कृषि उपकरणों व औजारों का निर्माण तथा प्रसंस्करण इकाई, साइलेज युनिट, फार्म स्टे-फार्म टूरिज्म, पेट्रोल पंप,एंबुलेंस, ईवी चार्जिंग स्टेशन, टिशू कल्चर लैबोरेटरी, मोबाइलप्री कोडिंग ट्रक आदि शामिल हैं।

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