भारत के सभी राज्यों से अधिक बिहार में सड़क दुर्घटनाओं से होती है मौतें, सर्वे रिपोर्ट में हुआ खुलासा

सड़क दुर्घटना से हुई मौत में बिहार सबसे आगे है। सड़क परिवहन के सर्वे में बताया गया कि सभी राज्यों के आंकड़ों में बिहार 73 फीसदी पर आता है। बता दें कि समय पर स्वास्थ्य सहायता न मिलने से लोगो की जिंदगी चली जाती हैं। एलजानकारी के मुताबिक घायलों को एक घंटे के अंदर अस्पताल पहुंचा दिया जाए तो मौत का आंकड़ा काफी कम हो सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में प्रति वर्ष 10,700 सड़क दुर्घटनाएं होती है जिनमें से 7,205 लोगों की तत्कालीन स्थिति में मौत हो जाती है। 72 फीसदी मृत्यु दर सामने आती हैं। वहीं उत्तर प्रदेश में 42,572 दुर्घटनाएं होने के बाद 22,655 मौतें होती है। जिसका आकंडा 53.2 फीसदी निकलता है। कर्नाटक 40,658 में 10,958 मौतें जिसका आंकलन 27 फीसदी है। मध्यप्रदेश में 50,699 दुर्घटनाओं में 11,294 मौतें जो 22.2 फीसदी है। तमिलनाडु का आंकड़ा 57,228 में से 10,525 मौतें हुई जो कि 18.4 फीसदी है। केरल में 41,111 में 4440 मौतें जिसका आकंडा 10.8 फीसदी निकलता है। इन सभी राज्यों का वार्षिक दुर्घटना रिकवरी रिकॉर्ड निकाला गया है।
राज्यभर में गंभीर दुर्घटना के बाद मरीजों को पीएमसीएच रेफर किया जाता है, क्योंकि एनएच और एसएच नाम के ट्रॉमा सेंटर हैं, जहां इलाज के नाम पर मरीज के परिजनों का आर्थिक दोहन होता है। एक्स्पर्ट की जांच में बताया गया कि बिहार के किसी सरकारी अस्पताल में ट्रॉमा सेंटर की विशेष सुविधा नहीं है। राज्यभर से तुरंत पीएमसीएच पहुंचना मुश्किल है, जिससे मौत का आंकड़ा कम नहीं हो रहा है। आपको ज्ञात हो कि केंद्र सरकार के द्वारा हर राज्य में जिले के मुताबिक ट्रामा सेंटर बनवाने का बजट दिया गया था। वहीं बिहार में 46 ट्रामा सेंटर व 5 एनएच दिए गए हैं। वर्तमान सरकार की गार्डलाइन में बताया गया कि निजी व सरकारी एम्बुलेंस को एक ही नम्बर दिया जाएगा व सड़क दुर्घटना में 1000 एम्बुलेंस बढ़ा दी जाएगी जिससे घायलों कि जान बचाई जा सके। बिहार के 12 जिले 2019-20 के रिकॉर्ड में वृद्धि लाए जिनमें से जहानाबाद, पश्चिमी चंपारण, नालंदा, सीतामढ़ी, बक्सर, सहरसा, गोपालगंज, वैशाली, बांका, भागलपुर, रोहतास व पूर्वी चंपारण है।

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