बिहार में डेंगू और स्वाइन फ्लू ने मचाया आतंक, घरों से निकलने में डर रहे लोग

बिहार में बुखार कहर बरपा रहा है। सामान्य बुखार ने लोगों की नींद उड़ा कर रख दी है। वैश्विक कोरोना महामारी के बीच डेंगू, मलेरिय़ा से लेकर स्वाइन फ्लू तक फैल रहा है। संक्रमण के डर से लोग घर से ज्यादा बाहर निकलने से डर रहे हैं। अब तो बिना हॉस्पिटल जाए सामान्य बुखार भी नहीं ठीक हो रहा है। कोरोना के लक्षण वाले बुखार से सावधानी बरतना बेहद जरूरी है। बिहार में लोग तरह-तरह की बीमारियों से परेशान हैं। अक्टूबर में कोरोना की तीसरी लहर की आंशका जताई जा रही है। इसी बीच मलेरिया,वायरल फीवर और डेंगू के साथ-साथ स्वाइन फ्लू का भी खतरा बढ़ रहा है। छोटे बच्चे से लेकर हर उम्र के लोग परेशान हैं। सरकारी अस्पतालों में बेड पूरी तरह से भर चुके हैं। प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों को सहारा लेने में मशक्कत करनी पड़ रही है। प्राइवेट अस्पतालों में ज्यादा फीस के कारण भी लोग नहीं जा पाते हैं। एक साथ कई बीमारियों के डर से लोग बुखार के कारण भी परेशान हो रहे हैं।
पटना एम्स के विशेषज्ञ डॉक्टर अनिल कुमार ने बताया कि बुखार होने पर घबराना नहीं चाहिए। शुरूआत में बुखार के लिए एक से दो दिन पैरासिटामोल लेना चाहिए। अगर ज्यादा समस्या हो रही हैं तो डॉक्टर के पास जाना चाहिए। एंटीबायोटिक दवा का उपयोग बिना डॉक्टर को दिखाए नहीं करना चाहिए। इस समय बुखार के कई कारण हो सकते हैं। कोविड,वायरल,मलेरिया और फ्लू कुछ भी। ऐसे में दवा खाने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर ले लें।कोराना काल में मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग ही बचने का सबसे बड़ा हथियार हैं। हमेशा मास्क पहनकर रखें और आपस में दो गज दूरी बनाकर रखें। कोरोना के समय साफ-सफाई का भी पूरा ध्यान रखें। इस समय मास्क और साफ सफाई से ही हर संक्रमण से निपटा जा सकता है।

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