बिना इजाजत पत्नी का कॉल रिकॉर्ड करना प्राइवेसी का उल्लंघन

पत्नी

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पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा है कि पत्नी की अनुमति के बिना उसके फोन का कॉल रिकॉर्ड करना उसकी प्राइवेसी का उल्लंघन की श्रेणी में आता है। कोर्ट ने ये फैसला एक तलाक के मुकदमे में सुनवाई के दौरान सुनाया है। कोर्ट ने मुकदमे में पत्नी के खिलाफ क्रूरता का केस दर्ज कराने के लिए पति द्वारा उनके बीच टेलिफोन पर हुई बातचीत को सबूत के तौर पर पेश करने के फैमिली कोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया।


आइए बताते हैं कि पत्नी के फोन कॉल को रिकॉर्ड करने को लेकर हाई कोर्ट ने क्या आदेश दिया है? कोर्ट ने क्यों इसे निजता का उल्लंघन बताया है, और अगर पत्नी ऐसा करती है तो क्या होगा? इस केस में, याचिकाकर्ता महिला के पति ने साल 2017 में बठिंडा फैमिली कोर्ट में विभिन्न आधारों पर तलाक मांगते हुए एक याचिका दायर की थी। वहीं दंपति की शादी फरवरी 2009 में हुई थी और 2011 में उन्हें एक बेटी हुई थी। इस मामले में सुनवाई आगे बढ़ने पर पति ने सबूत के तौर पर पत्नी के साथ फोन पर हुई बातचीत को पेश करने की अनुमति मांगी, जिसकी इजाजत फैमिली कोर्ट ने दे दी थी। पत्नी के कॉल रिकॉर्ड को सबूत के तौर पर पेश करने के लिए पति ने ये तर्क दिया था कि इससे वह पत्नी द्वारा उसके साथ की गई क्रूरता के आरोपों को साबित कर देगा। ऐसा होने पर उसके लिए कोर्ट से तलाक लेना आसान होगा।
बठिंडा फैमिली कोर्ट ने पति को उसके और उसकी पत्नी के बीच रिकॉर्ड की गई बातचीत से संबंधित CD पेश करने की इजाजत दी थी, बशर्ते कि वह सही हो।


पति ने हाई कोर्ट में बताया कि पत्नी के खिलाफ क्रूरता के आरोपों को साबित करने के लिए टेलिफोन बातचीत की रिकॉर्डिंग जरूरी थी और इससे उसे तलाक मिलने में आसानी होगी।
लेकिन हाई कोर्ट ने पति के तर्क को खारिज करते हुए कहा कि भले ही याचिका में कहा गया है कि रिकॉर्डिंग सबूत के जरिए क्रूरता का आरोप साबित हो जाएगा। लेकिन फिर भी बातचीत की सीडी को सबूत के तौर पर पेश नही किया जा सकता है।
कोर्ट ने जोर देकर कहा कि, पत्नी की जानकारी और इजाजत के बिना टेलिफोन पर हुई बातचीत को रिकॉर्ड करना राइट टु प्राइवेसी का उल्लंघन है।


हाई कोर्ट ने इस फैसले के लिए दीपिंदर सिंह मान बनाम रंजीत कौर, 2015 (5) RCR (सिविल) 691 मामले का हवाला दिया, जिसमें पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने कहा था कि कपल एक-दूसरे से ऐसी बहुत सी चीजें कहते हैं, बिना ये जाने कि इसके हर शब्द को कोर्ट में तौला जाएगा।
पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद अब सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि क्या पत्नी बिना पति की जानकारी के उसका फोन कॉल रिकॉर्ड कर सकती है? यही सवाल दैनिक भास्कर ने सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील विराग गुप्ता से पूछा, जिसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘’नहीं, पत्नी भी पति की जानकारी और इजाजत के बिना उसका फोन कॉल चुपके से रिकॉर्ड नहीं कर सकती है। हाई कोर्ट के इस फैसले का स्त्री-पुरुष से लेना देना नहीं है। ये फैसला स्त्री-पुरुष या पति-पत्नी दोनों के ऊपर समान रूप से लागू होता है।’’

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