सीडीएस बिपन रावत के निधन के बाद तीनों सेनाओं के बीच होगी पहली बैठक

सीडीएस बिपिन रावत

सीडीएस बिपिन रावत

बिपिन रावत के नेतृत्व में तीनों सेनाओं का साहस औऱ पराक्रम काफी मजबूत क्षवि के साथ उभरकर सामने आ रहा था। उनका दुश्मनों के खिलाफ शसक्त अभियान व पेनी नजर से दुश्मनों पर नजर रखने के साथ देश की सीमाओं और देश के भीतरी इलाके की सुरक्षा पर मास्टर प्लान बनाने में वो अहम भूमिका निभा रहे थे। 2020 में चयनित किए गए उत्तराखंड के जाबाज सैन्य अफसर जनरल बिपिन रावत चीन औऱ पाक के लिए बड़ा हथियार साबित हो रहे थे। ईश्वर को कुछ औऱ ही मंजूर था, देश का साहसी औऱ आत्मविश्वास के बलबूते पर जबाव देने वाले रावत हमारे बीच नहीं रहे। फिलहाल उनकी अंतिम विदाई में देश औऱ विदेश की बड़ी-बड़ी हस्तियां शामिल हुई। बता दें कि इधर सीडीएस और उनकी पत्नी का अंतिम संस्कार हो रहा था, तो दूसरी तरफ केंद्र सरकार का अगला सीडीएस निर्धारित करने पर विचार भी चल रहा था। फिलहाल इस पर अभी अधिकारिक पुष्टि नहीं की गई, कयास लगाया जा रहा है कि  अगला सीडीएस एमएम नरवणे को बनाया जा सकता है। दरअसल सीडीएस का पद अधिक समय तक खाली नहीं रखा जा सकता है।  बिपिन रावत के हेलिकॉप्टर क्रैश होने के बाद पहली बार तीनों सेनाओं की एकसाथ बैठक सुनिश्चित की गई है। जानकारी के मुताबिक, इस बैठक के दौरान जनरल बिपिन रावत के मार्ग को अपनाया जाएगा, इसके अलावा उनके प्लान को आगे तीव्रता से संभव करने पर विचार किया जाएगा। जानकारी के अनुसार तीनों सेनाओं के प्रमुख 23-24 दिसंबर के आसपास बैठक कर सकते है। बैठक देश की राजधानी दिल्ली में सुनिश्चित की गई है। बैठक में चीन औऱ पाक के वर्तामान हालातों औऱ उनकी उम्मीदों को तराशने के साथ निगरानी माहौल को बेहतार बनाने पर भी चर्चा की जाएगी। सुरक्षा व्यवस्था को भविष्य में मजबूत बनाने पर विचार किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक,  चीन ने सर्दियों के बावजूद लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती की हुई है। अरुणाचल प्रदेश से लद्दाख तक चीन से लगी सीमा की रक्षा के लिए सेना की पूर्वी, मध्य और उत्तरी कमानों की जिम्मेदारी है। चीन से लगे सबसे ब़़डे क्षेत्र की रक्षा की जिम्मेदारी पूर्वी कमान की है। सेना कमांडरों के सेना में चल रहे सुधारों और अन्य दो सेवाओं के साथ संयुक्तता बढ़ाने पर भी चर्चा करने की उम्मीद है।

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