पुणे में 11 माह की मासूम को स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी की थी बीमारी, 16 करोड़ का इंजेक्शन फेल

महाराष्ट्र के पुणे में 11 माह की मासूम बेटी वेदिका शिंदे को जन्मजात स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी की बीमारी हो गई थी। परिजनों ने उसको शहर के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती करवाया। चिकित्सकों की सलाह के अनुसार अमेरिका से 16 करोड़ का इंजेक्शन मंगवाया गया। जानकारी में बताया गया कि रविवार को उसे सांस लेने में दिक्कत हुई तो परिवार के लोगों ने उसे अस्पताल में भर्ती करवा दिया। मंगलवार को 16 करोड़ का इंजेक्शन लगाने के बाद भी डॉक्टर उसकी जान नहीं बचा पाये। बता दें कि मासूम महाराष्ट्र के पिंपरी चिंचवाड़ निवासी सौरभ शिंदे की पुत्री थी। माता-पिता ने क्राउड फंडिंग से 16 करोड़ की राशि जमा करने के बाद जोलगेन्स्मा नामक इंजेक्शन मंगवाया था। इस बीमारी का अंतिम उपचार जोलगेन्स्मा इंजेक्शन है। वेदिका के जाने के बाद परिवार सदमें में चला गया है। लोगों का कहना है कि 16 करोड़ के इंजेक्शन देने के बाद भी जान नहीं बची इसमें अस्पताल की लापरवाही है। SMA-1 जीन की कमी से शरीर में ऐसी बीमारी का विकास होता है। इससे शरीर में पानी की कमी, मांसपेशिया कमजोर और श्वासनलिका में दिक्कत होने लगती है। सबसे अधिक ब्रिटेन में इस बीमारी का लक्षण देखने को मिलता है। वहीं इस बीमारी का विनाशक इंजेक्शन अमेरिका, जर्मनी और जापान में बनता है। इस इंजेक्शन का सीधा असर जीन थेरेपी से जुड़ा है, जीन थेरेपी मेडिकल जगत में एक बड़ी खोज है।

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