अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान का कहर जारी है। इसी बीच कुछ रक्षा विशेषज्ञों ने चिंता जताई है कि तालिबान के शाशन में आईएस और अलक़ायदा जैसे संगठन फिर एक हो सकते हैं। सामरिक विश्लेषक पीके सहगल ने भी आतंकवादी संगठन आईएस को लेकर एक बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि इसमें कोई शक नहीं है कि तालिबान की सत्ता में आईएस अफगानिस्तान में खुद को बड़े पैमाने पर मजबूत करेगा। वहीं, अफगानिस्तान के कार्यवाहक राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह पंजशीर घाटी में तालिबान के खिलाफ लड़ रहे हैं।
उधर रक्षा विशेषज्ञ अनिल गौड़ ने बताया कि भारत ने अफ़ग़ानिस्तान में प्रोजेक्ट्स पर तीन अरब डॉलर खर्च किये हैं जिसे पाकिस्तान ने तालिबान से नष्ट करने को कहा था। लेकिन तालिबान ने उसे अफ़ग़ानों की संपत्ति बताते हुए नष्ट करने से मना कर दिया है। अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान का राज देखकर पाकिस्तान बहुत खुशियां मना रहा है जिसके प्रति पाकिस्तानी मानवाधिकार कार्यकर्ता और कलमकार मारवी सिरमद ने चिंता जताई है। मारवी ने कहा है कि पड़ोस में गंदगी जमाकर आप यह नहीं सोच सकते कि आपको उसकी बदबू परेशान नहीं करेगी। तालिबान की जीत में ऐसा कुछ नहीं है जिससे पाकिस्तान खुश हो।

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