जीएसटी काउंसिल की 45वीं बैठक में जानिए क्या हुए बदलाव?

शुक्रवार को लखनऊ में आयोजित जीएसटी काउंसिल की 45वीं बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई। इसमें सबसे बड़ा मुद्दा पेट्रोल औऱ डीजल को लेकर रखा गया था। जीएसटी को लेकर कई अहम बदलाव किए गए। इसमें कोरोना की दवाएं और बायोडीजल समेत आपातकालीन स्वास्थ्य एंव शिक्षा से जुड़ी सुविधाओं पर छूट का प्रावधान रखा गया है। दरअसल कोरोना की दवाओं पर 31 दिसंबर 2021 तक छूट के आदेश जारी किए गए है। इसके आगे भी बदलाव किया जा सकता है।

जानकारी के अनुसार स्विग्गी, ज़ोमेटो जैसी कंपनियों पर जीएसटी चार्ज पर कोई परिवर्तान नहीं हुआ है। इसके अलावा रेलवे पार्ट्स औऱ लोकोमोटिव पर जीएसटी चार्ज 12 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी कर दिया गया है। वहीं आयरन, कोबाल्ट, जिंक, कॉपर, लेड, टिन आदि पर 18 फीसदी जीएसटी वसूला जाएगा। जबकि ब्रिक सेक्टर में भी टैक्स बढ़ाकर 18 फीसदी कर दिया गया है। बायोडीजल पर जीएसटी 12 फीसदी की जगह 5 फीसदी कर दिया गया है। दिव्यांग के उपयोगी वाहनों पर यूज होने वाले रेट्रो फिटमेंट किट्स पर जीएसटी घटाकर 5 फीसदी कर दी गई है। वहीं इंटीग्रेटेड चाइल्ड डेवलमेंट सर्विसेज स्कीम में फोर्टिफाइड राइस केर्नाल्स पर भी 18 से घटाकर 5 फीसदी चार्ज कर दिया गया है। एयर सर्विस की बात करे तो अब एक्सपोर्ट गुड्स के ट्रांसपोर्टेशन पर जीएसटी नहीं लगेगा। इस फैसले का मुख्य कारण है कि निर्यातकों के जीएटी पोर्टल पर तकनीकी खराबी का इनपुट टैक्स क्रेडिट रिफंड होने में दिक्कत होती थी।

काउंसिल ने अहम फैसले में लीज पर विमानों के आयात को जीएसटी चार्ज से बरी कर दिया है। दरअसल इस फैसले को एविएशन सेक्टर की मंदी को देखते हुए लिया गया है। गंभीर बीमारियों के लिए उपयोगी दवाओं पर जीएसटी चार्ज घटाकर 12 फीसदी से 5 कर दिया है। इनमें मुख्य रूप से 7 दवाएं शामिल है। जीएसटी दायरें में छूट मिलने वाली दवाओं में एंफोटेरिसिन बी, टोक्लीजुमैब, रेमैडिसीवर औऱ हेपैरिन आदि को शामिल किया गया है। इसके अलावा कोरोना से जुड़ी दवाओं पर 31 दिसंबर तक के लिए जीएसटी पर फुल छूट दी गई है। दरअसल पेट्रोल औऱ डीजल को जीएसटी के दायरें में लाने का विक्ल्प नहीं बना है। अलग-अलग राय पर इसको टाल दिया गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश अभी आर्थिक तंगी से जूझ रहा है ऐसे समय डीजल और पेट्रोल पर विशेष फोकस सरकार नहीं कर सकती है। क्योंकि डीजल की वजह से देश में विकास की गति रुक जाएगी।

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