खुर्शीद की किताब पर मचा सियासी बवाल

खुर्शीद

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सलमान खुर्शीद की किताब के बाद हिंदु और मुस्लिम के बीद बड़ी दरार पड़ रही है। किताब के प्रकाशन के बाद जो राजनीति का मोड़ आया उससे स्पष्ट हो रहा है कि हिंदुत्व का मुद्दा विधानसभा के चुनावों में अहम है। दरअसल प्रकाशन के बाद कई तरह के आरोप प्रत्यारोप लगाए जा रहे है। कुल मिलाकर राजनीति गर्माती जा रही है। जिस मुद्दे पर बीजेपी अब तक अपना एकाधिकार समझती आई है,उसी को कांग्रेस हथियाना चाहती है लेकिन इस फर्क के साथ कि हिन्दू धर्म और विचारधारा दो अलग बातें हैं। कल तक ये माना जा रहा था कि सलमान के विचारों से कांग्रेस खुद को ये कहते हुए अलग कर लेगी कि ये उनकी निजी राय है। लेकिन जिस तरह से आज राहुल गाँधी सलमान के बचाव में कूदे हैं, उससे ये साफ हो गया है कि बीजेपी व संघ के हिंदुत्व पर निशाना साधना, कांग्रेस की सोची-समझी रणनीति का ही हिस्सा है।


राहुल ने हिंदू और हिंदुत्व को दो अलग-अलग चीजें बताते हुए संघ व बीजेपी पर हमला बोला है और उसकी विचारधारा को नफरत भरी बताया है। हालांकि बीजेपी ने पलटवार करने में जरा भी देर नहीं लगाई और राहुल गांधी को ये नसीहत दे डाली कि उन्होंने उपनिषद तो क्या,अगर संविधान ही ठीक से पढ़ लिया होता तो वही उनके लिए काफी होता। दरअसल, बीजेपी इसलिये कांग्रेस पर हमलावर हो गई है कि वो हिन्दू धर्म और हिंदुत्व,दोनों को एक मानती है। इसलिये पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा ने आज भी राहुल के बयान को हिंदू धर्म पर हमला करार देते हुए दोहराया कि उनका बयान संयोग नहीं,प्रयोग है।

अगर 2014 के लोकसभा चुनाव और उसके बाद 2017 में हुए यूपी के विधानसभा चुनावों पर गौर करें,तो बीजेपी के लिए हिंदुत्व का मुद्दा उभारना एक सफल प्रयोग साबित हुआ है। कांग्रेस को लगता है कि वो बीजेपी की कट्टर हिंदुत्ववादी सोच पर हमला करते हुए उदारवादी हिंदू वोट बैंक को फिर से वह अपने पक्ष में कर सकती है। इसीलिये राहुल गांधी ने आज इसी बात पर ज़ोर दिया कि ‘’हिन्दुस्तान में दो विचारधाराएं हैं, एक कांग्रेस पार्टी की और एक RSS की। आज के हिन्दुस्तान में बीजेपी और RSS ने नफरत फैला दी है और कांग्रेस की विचारधारा जोड़ने, भाईचारे और प्यार की है।’’


कांग्रेस ये साबित करने की कोशिश में जुटी है कि हिंदुत्व कोई धर्म नहीं बल्कि मॉब लीनचिंग वाली एक विचारधारा है जिसमें कोई अल्पसंख्यक समुदाय खुद को सुरक्षित नहीं समझता.शायद इसीलिए राहुल ने ये सवाल उठाया कि “आखिर हिदू धर्म और हिंदुत्व में क्या अंतर है, क्या वे एक ही बातें हैं? अगर वे एक ही बात हैं, तो हम उनके लिए एक जैसा नाम क्यों नहीं इस्तेमाल करते? ये जाहिर तौर पर दो अलग-अलग चीजें हैं.क्या हिंदू धर्म किसी सिख या मुस्लिम को मारना है? लेकिन हिंदुत्व का यही काम है।

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