कोविड महामारी के दौरान हुए बेसहारा बच्चों की जिम्मेदारी उठाएगी यूपी सरकार

उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार को बड़ा फैसला किया है। कोरोना महामारी के दौरान जिस बच्चों के सिर से मां बाप का साया उठ गया है उन बच्चों की परवरिश और शिक्षा की जिम्मेदारी सरकार उठाएगी। सीएम के द्वारा बच्चों के भरण – पोषण के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग को यह निर्देश दिया है। सीएम योगी ने अधिकारियों के साथ बैठक कर कहा कि अनाथ व अनाश्रित बच्चें राज्य की अनमोल सम्पत्ति है। इस संबंध में महिला एवं बाल कल्याण विभाग ने ऐसे लगभग 400 बच्चों को चिह्नित किया है। चिह्नांकन के बाद इनके भरण पोषण के लिए कई तरह की योजनाएं बनाने पर विभाग काम कर रहा है। बता दें कि सभी जिलों से जांच कर चिन्हित लिस्ट तैयार की जाएगी उसके बाद सभी बच्चों की जिम्मेदारी निभाने में सीएम व बाल विकास अधिकारी योजना का शुभारंभ करेंगे। इसी दौरान सीएम ने कहा कि सरकारी और गैरसरकारी शिक्षण संस्थानों में कार्यरत अध्यापकों की वेतन में कोई कटौती नहीं की जाएगी। जानकारी के मुताबिक सीएम ने निगरानी समिति का गठन किया है जो हर जिले में कोविड किट मुहैया कराने में निगरानी करेगी। आइसोलेशन वाले मरीजों को सफल उपचार व मेडिकल किट उपलब्ध करवाई जाए। अधिकारियों से मांगी गई जानकारी में बताया गया कि प्रदेश में बीते 24 घंटे में 921 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का वितरण किया गया। होम आइसोलेशन के करीब 4000 मरीजों को ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराया गया। इस कठिन घड़ी में चिकित्सकों की संख्या बढ़ा दी गई है। आपको बताते चलें कि मुख्यमंत्री ने कहा कि ब्लैक फंगस के उपचार की पर्याप्त मात्रा में दवा उपलब्ध रहे इसके लिए केंद्र सरकार को पत्र भेजकर आवंटन बढ़ाने का अनुरोध किया जाए। मांग पत्र भेजते समय प्रदेश की कुल आबादी और मरीजों की संख्या को ध्यान में रखा जाए। प्रदेश के 23 जिलों में अब तक 18 से 44 वर्ष आयुवर्ग के 6,38,746 लोगों को टीका लग चुका चुका है। इसी तरह 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में 1,54,61,919 वैक्सीन डोज दी जा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि सभी मेडिकल कॉलेजों में 100 बेड का पीडियाट्रिक आईसीयू वॉर्ड तैयार किया जाए।

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