ओमिक्रॉन से रहें सावधान, लापरवाही बरतने पर उठाना पड़ेगा जोखिम

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सीडीसी की प्रमुख डॉ. रोशेल वॉलेंस्की ने बताया कि देश में अभी तक 40 से ज्यादा लोगों में ओमिक्रॉन के लक्षण पाए गए हैं और इनमें से तीन चौथाई से ज्यादा लोग पूरी तरह से वैक्सीनेटेड हैं। सुकून की बात यह है कि मरीज़ों में इंफेक्शन के हल्के लक्षण पाए जा रहे हैं। डॉ. वॉलेंस्की ने बताया कि बीमारी के प्रमुख लक्षणों में खांसी, सीने में जकड़न व थकान आदि के बाद भी किसी के मौत की सूचना नहीं है। ऐसे में कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना बिल्कुल इग्नोर न करें। मास्क लगाएं, सेनेटाइजेशन जारी रखें और दो गज की दूरी का पालन करते रहें और इनमें से कोई भी लक्षण नजर आएं तो तुरंत आइसोलेट हो जाएं।


डब्ल्यूएचओ के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस के मुताबिक, डेल्टा के मुकाबले ओमिक्रॉन कम खतरनाक हो सकता है। साउथ अफ्रीका के सबसे बड़े निजी स्वास्थ्य सेवा नेटवर्क नेटकेयर लिमिटेड व अमेरिका के सीडीसी ने भी ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित लोगों में हल्के लक्षण देखे जाने की बात कही है। डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा, अफ्रीका से प्राप्त आंकड़े बताते हैं कि ओमिक्रॉन से दोबारा संक्रमित होने का खतरा ज्यादा है।
उन्होंने कहा कि 57 देशों में फैलना यह बताता है कि ऐसे केसेज में नया वेरिएंट ज्यादा संक्रामक हो सकता है।


उधर साउथ अफ्रीकी नेटकेयर के अनुसार, ओमिक्रॉन मरीजों की संख्या भले ही बढ़ रही है, लेकिन बीमारी के हल्के लक्षण ही दिखाई दे रहे हैं।
नेटवर्क के सीईओ कार्यकारी अधिकारी रिचर्ड फ्रीडलैंड के अनुसार, गौटेंग प्रांत स्थित हमारे अस्पतालों में आए मरीजों में जो लक्षण दिखाई देते हैं, उसके आधार पर कहा जा सकता है कि पिछली तीन लहरों के दौरान हमने जो कुछ भी देखा, ओमिक्रॉन उसके मुकाबले काफी हल्का रहेगा।

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