ओमिक्रॉन को क्यों कहा जाता है सुपर माइल्ड वैरिएंट

ओमिक्रॉन

डेल्टा,बीटा के बाद एक और नया वायरस ओमिक्रॉन पुरी दुनिया में विस्फोट कर रहा है। ऐसे में चिंता का माहौल बना हुआ है। यह वैरिएंट अब तक 38 देशों में प्रवेश कर चुका है। दुनिया में कहर बरसा चुके डेल्टा वैरिएंट से भी कई गुणा ज्यादा संक्रमण ओमिक्रोन को सुपर माइल्ड कहा जा रहा है। इसके साथ ही स्पाइक प्रोटीन में 30 से ज्यादा म्यूटेशन के कारण से इस पर वैक्सीन का असर कम होने की आशंका है।


आपको बता दें कि ओमिक्रोन को सुपर माइल्ड कहने का मुख्य कारण यह है कि इस वायरस में 50 से अधिक म्यूटेशन हो चुके हैं। यह कोरोना के सबसे खतरनाक वैरिएंट माना जा रहा है क्योंकि डेल्टा की तुलना में ओमिक्रॉन के स्पाइक प्रोटीन में भी 30 से ज्यादा म्यूटेशन हो चुके हैं। इतने अधिक म्यूटेशन होने के कारण ही ओमिक्रोन को डेल्टा की तुलना में अधिक तेजी से फैलने वाला वैरिएंट बताते हैं। महामारी विशेषज्ञों ने ओमिक्रोन को ऐसा वैरिएंट बताया है कि जो बहुत तेजी से फैलने में तो सक्षम हैं लेकिन इससे गंभीर संक्रमण के बजाय हल्के लक्षण ही होते हैं।
दरअसल, शुरूआती डेटा यह दर्शाता है कि चाहे साउथ अफ्रीका हो या यूरोप ओमिक्रोन से ज्यादातर संक्रमण युवा है। यह वायरस ने उन लोगों को भी संक्रमित किया है जो वैक्सीन की दोनों डोज लगवा चुके हैं। ये दो बातें ही इस वैरिएंट को लेकर चिंता बढ़ाती है। वहीं ओमिक्रॉन उम्रदराज लोगों की तुलना में मजबूत इम्यूनिटी के माने जाने वाले युवाओं और वैक्सीन लगवा चुके लोगों को भी संक्रमित करने में सक्षम है।


गौरतलब है कि ओमिक्रोन को लेकर सबसे बड़ा खतरा है कि कुछ महीनों में यूरोप के कुल कोरोना केस में से आधे ओमिक्रोन के हो सकते हैं। अगले साल जनवरी 2022 में ओमिक्रोन के कारण भारत में तीसरी लहर आ सकती है। इस वैरेंट के कारण ही भारत में फरवरी तक 1.5 लाख रोजाना कोविड केस हो सकते हैँ। यूरोप में भी ओमिक्रोन के मामलों में अगले कुछ महीनों में तेज उछाल आने की आशंका जताई जा रही है। यूरोपियन यूनियन पब्लिक हेल्थ एजेंसी ने गुरुवार को बताया कि अगले कुछ ही महीनों में ओमिक्रोन यूरोप के कुल कोरोना मामलों में से आधे से ज्यादा के लिए जिम्मेदार हो सकता है।

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