ओमिक्रॉन के बीच आई वैक्सीन की सियासत

वैक्सीन

निधि वर्मा।कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन ने दुनिया को सांसत में डाल रखा है, लेकिन भारत के कई राज्यों में अभी तक 90% आबादी को कोरोना वैक्सीन का पहला डोज भी नहीं लग पाया है।


वैक्सीनेशन के आंकड़ों से पता चलता है कि जिन राज्यों में बीजेपी की सरकार है, वहां वैक्सीनेशन की स्पीड तेज है, वहीं जिन राज्यों नें कांग्रेस या अन्य विपक्षी पार्टियों की सरकारें हैं, वहां वैक्सीनेशन की स्पीड धीमा है।


इसमें भी एक खास बात देखने में आ रही है कि गोवा और हिमाचल प्रदेश जैसे चुनावी राज्य में 100% आबादी को पहला डोज लग चुका है। गोवा में फरवरी-मार्च में ही, तो हिमाचल प्रदेश में अक्टुबर-नवंबर में चुनाव होना है। इन दोनें ही राज्यों में बीजेपी सत्ता में है।
बीजेपी की शासित 7 राजयो ऐसे हैं जहां 90% एलिजीबल पॉपुलेशन को वैक्सीन का पहला डोज लग चुका है। 2 राज्यों में यह आंकड़ा 100% पर पहुंच गया है। दूसरी ओर राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पंजाब में सत्तासीन कांग्रेस वाले राज्यों में किसी में भी 90% का आंकड़ा अभी तक नहीं पहुंच पाया है।


पंजाब में प्रथम डोज 72.5% आबादी को ही लगा है। दोनों डोज तो महज 32.8% आबादी को लग पाए हैं। पच्श्रिम बंगाल में अभी 86% लोगों को ही पहला डोज लग पाया है। झारखंड में तो यह आंकड़ा 66.2% पर ही है।


ऐसे में सवाल खड़े हो रहे हैं कि जो विपक्षी पार्टियां बूस्टर डोज की डिमांड कर रही हैं, वे अपने राज्यों में अभी तक 100% पॉपुलेशन को वैक्सीन का पहला डोज भी क्यों नहीं लगवा सकीं। तमिलनाडु में डीएमके और झारखंड में जेएमएम के साथ कांग्रेस की गठबंधन में है। पच्श्रिम बंगाल में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल की सरकार है।

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