आईआईएमटी कॉलेज की आर एंड डी टीम ने ऑक्सीजन जेनरेटर का किया आविष्कार

आईआईएमटी कॉलेज

देशभर में ऑक्सीजन क्राइसिस की खबरों के बीच यूपी के ग्रेटर नोएडा स्थित आईआईएमटी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में एक स्वदेशी ऑक्सीजन जेनरेटर’ जीवन एक मशीन बनाई है, जो 92 प्रतिशत तक शुद्ध ऑक्सीजन देने में सक्षम है। रिसर्च एण्ड डवलेप टीम का कहना है कि यह कोरोना महामारी से जूझ रहे गंभीर मरीजों के लिए भी बेहद कारगर मशीन साबित होगी। शहर के नॉलेज पार्क स्थित आईआईएमटी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के अनुसंधान वैज्ञानिक मयंक राज ने भारत सरकार से रिटायर साइंटिस्ट डॉ. एस.के. महाजन, कॉलेज के अनुसंधान निदेशक डॉ. संजय पचौरी और आर एंड डी प्रमुख सास्वत कुमार दास के सहयोग से इस जीवन नामक मशीन को सफलतापूर्वक विकसित किया है। कॉलेज के प्रबंध निदेशक मयंक अग्रवाल ने कहा है कि कोरोना काल में यह आविष्कार देश में ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे लोगों के लिए यह मील का पत्थर साबित होगी।

बहुत कम लागत में बना ऑक्सीजन जेनरेटर, जीवनः साइंटिस्ट डॉ. एस.के. महाजन ने कहा है कि बाजार में मिलने वाली ऑक्सीजन मशीन के मुकाबले हमारा ऑक्सीजन जनरेटर बहुत किफायती है। बाजार में इस प्रकार की मशीन की कीमत एक लाख से लेकर ढाई लाख रूपये तक है। हमारी टीम ने मात्र 35 हजार में विकसित किया है। इस मशीन से कोविड से जूझ रहे आम लोगों को काफी फायदा होगा। बिजली से चलने वाले इस ऑक्सीजन जेनरेटर को कहीं पर भी आसानी से लाया और ले जाया जा सकता है।

पांच लोग एक साथ कर सकते हैं उपयोगः उन्होंने आगे बताया कि इस मशीन से एक साथ पांच लोग ऑक्सीजन की कमी को पूरा कर सकते हैं। साथ ही जीवन नामक यह जेनरेटर एक मिनट में लगभग 15 लीटर ऑक्सीजन पैदा करता है। इसके लिए कंप्रेस्ड एयर सेपरेशन तकनीक का उपयोग किया जाता है जो कि वातावरण की हवा से 70 प्रतिशत नॉइट्रोजन सहित दूसरी अन्य गैस को अलग कर शुद्ध 92 प्रतिशत तक ऑक्सीजन बनाता है। वहीं आईआईएमटी समूह संस्था के चेयरमैन योगेश मोहन जी गुप्ता ने कहा कि संस्थान के लिए यह गौरव की बात है कि आर एंड डी की टीम ने लॉकडाउन के कठिन समय में चीजों का इक्टठा कर इस तरह का आविष्कार कर दिखाया यह काबिले तारीफ है।

About Post Author