अनुशासन से जीवन में मिलती है सफलता, किसी भी लक्ष्य को किया जा सकता है पार

सफलता की कुंजी कहती है कि जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को कठोर परिश्रम करना पड़ता है. जो सफलता बिना परिश्रम के प्राप्त हो, वो अधिक दिनों तक कायम नहीं रहती है. इसलिए यदि स्थाई और लंबे समय तक सफलता का आनंद प्राप्त करना है तो परिश्रम और अनुशासन से कभी दूर रहने का प्रयास नहीं करना चाहिए. गीता के उपदेश में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि लक्ष्य की प्राप्ति परिश्रम और अनुशासन के बिना संभव नहीं है. विद्वानों की मानें तो परिश्रम से व्यक्ति के आत्मविश्वास में वृद्धि होती है. सफलता और लक्ष्य की प्राप्ति में आत्मविश्वास का विशेष योगदान होता है.विद्वानों की मानें तो शिक्षा ग्रहण करते समय कुछ बातों का विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए. इन बातों का ध्यान रखने से शिक्षा प्राप्त करने में आने वाली दिक्कतों को दूर करने में मदद मिलती है. चाणक्य के अनुसार गलत संगत और बुरी आदतें शिक्षा प्राप्त करने में सबसे बड़ी बाधा हैं. इनसे दूर रहने का प्रयास करना चाहिए.परिश्रम में ही सफलता का रहस्य छिपा होता है. परिश्रम के बिना करियर में सफलता नहीं मिलती है. परिश्रम के साथ कठोर अनुशासन का पालन भी करना चाहिए. अनुशासन की भावना कार्यों को समय पर पूर्ण करने के लिए प्रेरित करती है. सफलता में समय का प्रबंधन विशेष भूमिका निभाता है. इस पर ध्यान देना चाहिए.जीवन में समय की कीमत को पहचानना चाहिए. जो लोग समय की कीमत को नहीं जानते हैं, वे आगे चलकर परेशानी का सामना करते हैं. समय जो चला जाता है, वो फिर दोबारा नहीं आता है. इसलिए समय की उपयोगिता को समझना चाहिए. सफलता चाहिए तो प्रत्येक कार्य को समय के भीतर पूर्ण करने की कोशिश करना चाहिए.

About Post Author