जान है तो जहान है

जान है तो जहान है

लेखक के विचार स्वंय पर आधारित है, शोध और अध्ययन के आधार पर विचारों को अंकित किया गया है- मोहित कुमार

जान है तो जहान है, जीवन सरलतम भाव और विनम्रता से यापन करें, धन आज है कल नहीं रहेगा, जन्म लेते समय आपके हाथ खाली थे औऱ जब मृत्यु होगी तो भी हाथ आपके खाली रहेंगे। इंसान समझकर भी क्यों भूल करता है? जीवन का असली आंनद त्यागकर पैसे के पीछे दौड़ता रहता है। एक साहित्याकार ने कहा कि “सरल स्वाभाव मोक्ष कर द्वारा, धन पाए हो जाए आवारा” अधिकांश लोग जीवन को चिंताव्याप्त में गुजार देते है। भले ही संपन्न हो फिर भी अगली सीढ़ी का इंतजार करते हुए निराश रहते है। उदाहरणतया, आपने कई बार सुना होगा कि फलां शख्स ने परिस्थितियों को स्वीकार न कर पाने के कारण आत्महत्या कर ली। हालांकि आर्थिक रूप से वे तकलीफ में नहीं थे, पर जिंदगी के तनाव का प्रबंधन न कर पाने के कारण वे परेशान हुए। अंतिम फैसला जिंदगी गवांकर लिया। एक्सपर्ट के मुताबिक, ऐसा लगता है कि इन दिनों प्रसन्नता आकाश में उड़ने वाली कोई चीज हो गई है। आज के उपभोक्तावादी दौर में विभिन्न वस्तुओं की मांग बढ़ती जा रही है। इसके साथ ही लोग जिंदगी को आसान बनाने वाली तमाम तरह की नई नई चीजों की खरीददारी भी करते रहते हैं। जाहिर है इन दिनों हम सबकी चिंताएं बढ़ती जा रही हैं, पर यह सच है कि जिंदगी में कोई भी वस्तु कीमत अदा किए बगैर हासिल नहीं होती। जीवन का असल हकीकत क्या है इसको समझना बेहद आवश्यक है। कर्म करो पर ऐसा करो जो सुख प्रदान करें। पुराणों में कहा गया है कि “ईश्वर धन इतना दीजिए, जिसमें कुटुम समाए, परिवार न भूखा रहे द्वार पर आए अतिथि और भिखारी का आदर हो जाए” दरअसल जीवन में अधिक धन चिंता का बड़ा कारण बन जाता है।
अगर आपकी बागवानी, गीत-संगीत, पेंटिंग या किसी अन्य चीज में दिलचस्पी है तो व्यस्त दिनचर्या में से प्रतिदिन थोड़ा सा ऐसा वक्त निकालें, जब आप इसके लिए समय दे पाएं। ऐसा करने से आपको जो आनंद और ऊर्जा मिलेगी उसे शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता है। आप वो निर्णय लें जिससे आपको और आपके मन में प्रसन्नता रहें। अपनी जिंदगी में रचनात्मक रुचियों, इच्छाओं और आत्मिक संतुष्टि प्रदान करने वाली बातों को कितना महत्व देती हैं। इन्हीं बातों में आपकी प्रसन्नता का मूल रहस्य छिपा हुआ है। मालूम हो, जिंदगी हमेशा आपसे संभलकर कदम उठाने या किसी अन्य विकल्प के चयन का अवसर देती है। अगर आपका अंतर्मन यह कहता है कि महत्वाकांक्षा के शिखर को छूने की कोशिश में आपकी शांति भंग होगी तो उस शिखर पर चढ़ने से स्वयं को मना करें। चंद दिनों का जीवन हंसकर गुजार दो, जो आज है वो कल न मिले इसका कोई प्रमाण नहीं। हंसना तनाव को समाप्त करने का बेहतर उपाय है। अनेक शोध-अध्ययनों से इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि मुस्कुराने से शरीर के समस्त अंग सुचारू रूप से काम करते हैं। यकीन मानिए मुस्कुराने और हंसने से न केवल आप पर खुशनुमा असर पड़ता है, बल्कि आपके आसपास रहने वाले लोगों पर भी सकारात्मक असर पड़ता है। न्यूरोलाजिस्ट के अनुसार मुस्कुराने से दिमाग में ऐसे हार्मोन का स्राव बढ़ता है, जो मूड को अच्छा बनाते हैं। मन को उत्साह की तरंगों से परिपूर्ण रखने के लिए अगर घर में जगह है तो पेड़-पौधे लगाएं और उनकी देखभाल करें। जान है तो जहान है

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