पुतिन और जिनपिंग के जी-20 समिट में शामिल न होने पर, क्या बोले विदेश मंत्री एस जयशंकर

लवी फंसवाल। भारत में इस बार जी-20 सम्मिट 9 से 10 सितंबर के बीच होने जा रहा है। लेकिन भारत में हो रहे इस बार जी-20 सम्मिट से रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी-जिनपिंग ने किनारा कर लिया है। समिट के दौरान रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव प्रतिनिधित्व करेंगे और चीन की ओर से प्रधानमंत्री ली कियांग भारत आयेंगे। इसको लेकर भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर का एक बयान सामने आया है, उन्होंने कहा, यह पहली बार नहीं है कि जी-20 सम्मिट में कोई राष्ट्राध्यक्ष न पहुंचा हो। पहले भी ऐसे कई मौके आये हैं। अलग-अलग समय पर जी-20 में कोई न कोई प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति रहे हैं, जो किसी वजह से खुद नहीं आ पाये हैं, इससे फर्क नहीं पड़ता। मायने यह रखता हा कि उस देश की पक्ष या स्थिती क्या है और वह इसी बात से साफ हो जाता है कि वह अपने किस प्रतिनिधित्व को जी-20 के लिये भेजता है। उन्होंने आगे कहा कि मुझे लगता है कि जी-20 में सभी काफी गंभीरता के साथ आ रहे हैं।

मीडिया से बातचीत के दौरान एस जयशंकर से रूस-युक्रेन युद्ध पर भा सवाल किये गये। उनसे पूछा गया कि रूस के विदेश मंत्री चाहते हैं कि यूक्रेन संकट पर उनके विचार को G20 के भाषण में शामिल किया जाए। ऐसे में क्या जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले शक्ति प्रदर्शन शुरू हो गया है?

जिस पर विदेश मंत्री ने कहा कि आप इसको ऐसे चित्रित कर सकते हैं, लेकिन मेरे लिये कोई भी अपनी राष्ट्रिय स्थिती को सामने रखने की कोशिश करेगा यदि आप चाहें तो अपनी बातचीत की स्थिति को अधिकतम करने की कोशिश करेंगे। मुझे लगता है कि आपको इंतजार करना चाहिए और देखना चाहिए कि बातचीत में वास्तव में क्या होता है और इसे पहले से ही इस आधार पर नहीं आंकना चाहिए कि एक अवसर पर क्या कहा जा सकता है और एक अवसर पर जो कहा गया था उसकी मीडिया व्याख्या क्या हो सकती है।”

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