सेना की भर्ती में दो सगे भाईयों ने लगाई दौड़, दौड़ पूरी करने के बाद दोनों भाईयों की मौत

सेना की भर्ती में दो सगे भाईयों की दौड़ लगाने के बाद मौत

सेना की भर्ती में दो सगे भाईयों की दौड़ लगाने के बाद मौत

ऐसा दुखद संयोग आपने आज तक न देखा होगा और न सुना होगा। दो सगे भाई बीते कई सालों से सेना में भर्ती होने का सपना देख रहे थे। इसके लिए दोनों सालों से पसीना बाहकर तैयारी भी कर रहे थे। भोपाल में अग्निवीर भर्ती शुरू हुई तो दोनों सैनिक बनकर देश सेवा का जोश और जुनून लेकर उसमें शामिल भी हुए। वहां दौड़ हुई तो पूरी ताकत से दौड़े भी। लेकिन… इसके बाद जैसे किस्मत ने उनका साथ छोड़ दिया। दौड़ पूरी होते ही दोनों भाई बेहोश हो गए। दोनों का भरपूर इलाज कराया, लेकिन एक-एक कर दोनों ने दम तोड़ दिया। परिवार के दोनों चिरागों के एक साथ बुझ जाने से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। वहीं डॉक्टरों के लिए भी यह पूरा मामला एक पहेली बन गया है। दिल को दहलाने वाला यह दुखद घटनाक्रम ग्राम दियामहू के कृषक प्रयागनाथ यादव और उनके परिवार के साथ घटा है। श्री यादव के दो बेटे रुपेंद्र और अंकित के अलावा एक बेटी मोनिका है। दोनों बेटों को सेना में भर्ती होकर देश सेवा करने का जुनून था। इसके लिए दोनों लंबे समय से तैयारी भी कर रहे थे। पिछले दिनों भोपाल में शुरू हुई अग्रिवीर भर्ती में शामिल होने भी दोनों भाई पहुंचे। कक्षा 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद रूपेंद्र ने सेना में भर्ती होने के लिए आर्मी की कोचिंग शुरू कर दी थी। करीब 2 साल तक वह लगातार सेना में जाने के लिए तैयारियां करता रहा। भोपाल में सेना में भर्ती के लिए शारीरिक परीक्षण और दौड़ प्रतियोगिता में रूपेद्र को शामिल होना था। 29 अक्टूबर को वह दौड़ में शामिल हुआ। लेकिन, दौड़ के बाद वह बेहोश होकर गिर पड़ा। उसे पहले भोपाल के अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां से उसे परिजन बैतूल लेकर आ गए। यहां उसे बैतूल के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां इलाज के दौरान 5 दिन बाद उसने दम तोड़ दिया।छोटा भाई अंकित भी सेना में भर्ती होने के लिए तैयारियां कर रहा था। वह सेकंड इयर का छात्र था। एनसीसी कैंप में रहकर वह सेना में जाने की तैयारियां कर रहा था। उसने आईटीआई की परीक्षा भी पास की थी। रूपेंद्र की 4 नवम्बर को मौत के पहले अंकित 3 नवंबर को भर्ती रैली में शामिल हुआ। उसी दिन दौड़ प्रतियोगिता के बाद उसकी भी वैसी ही तबीयत बिगड़ी जैसी बड़े भाई रूपेंद्र की बिगड़ी थी। परिजन उसे भी लेकर बैतूल पहुंचे, जहां से उसे नागपुर के एक निजी अस्पताल में रैफर कर दिया गया। नागपुर के एक निजी अस्पताल में 4 दिन तक जिंदगी और मौत से संघर्ष करते हुए आखिर अंकित ने भी दम तोड़ दिया। दोनों भाइयों की एक एक कर एक जैसी ही परिस्थितियों में हुई मौत घर वालों के लिए पहेली बनी हुई है। वह समझ ही नहीं पा रहे हैं कि आखिर दोनों भाइयों की एक जैसे हालातों में कैसे मौत हुई है।

About Post Author