गाजियाबाद में नामांकन करने कलक्ट्रेट पहुंचे लोकबंधु पार्टी के महेंद्र का चुनाव लड़ने का सपना अधूरा रह गया। वजह लघुशंका से लौटने में हुई देरी बनी। पर्चा दाखिल न होने से दुखी महेंद्र बार-बार यही कह रहे थे कि अचानक शौचालय जाना पड़ा और पर्चा दाखिल नहीं कर पाया। महेंद्र ने बताया कि पार्टी ने साहिबाबाद सीट से उन पर भरोसा जताया था जो वह कायम नहीं कर सके।
महेंद्र ने बताया कि पार्टी ने एक दिन पहले ही उन्हें उम्मीदवार बनाया था। शुक्रवार सुबह वह घर से निकले तो सबसे पहले नामांकन फार्म की औपचारिकता पूरी करने के लिए सीधे तहसील गए। यहां तीन घंटे कागजात को तैयार करने में लग गया। वकील के पास कुछ समय लग गया।
वह करीब 2.55 बजे कलक्ट्रेट में दाखिल हुए। गेट से नामांकन कक्ष तक पहुंचने पर उन्हें लघुशंका लगी। उन्होंने कक्ष में जाने से पहले शौचालय की ओर रुख किया, निवृत्त होकर नामांकन कक्ष तक पहुंचते-पहुंचते तालाबंदी होने लगी। आरओ ने कहा कि दो मिनट लेट हो, पर्चा दाखिल नहीं होगा। गाजियाबाद
मोदीनगर के पतला निवासी केंद्रीय लोक निर्माण विभाग से सेवानिवृत्त इंजीनियर वीरेंद्र कुमार ने पब्लिक पॉलिटिकल पार्टी से मुरादनगर और मोदीनगर सीट से नामांकन किया। वीरेंद्र कुमार का कहना है कि समाज सेवा करने के लिए चुनाव लड़ना चाहते हैं। 63 वर्षीय वीरेंद्र मानते हैं कि समाज में अभी भी महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। वीरेंद्र कुमार पर एक करोड़ 80 लाख की अचल संपित्त है 50 लाख से अधिक की चल संपत्ति है। गाजियाबाद