लाइफ इंश्योरेंस लेने वालो के लिए खास खबर

इंश्योरेंस

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अपने टाइम पर कंट्रोल करने के लिए रुपये का इस्तेमाल कीजिए…आप जो चाहते हैं, आप जब चाहते हैं, ये सब करने की क्षमता आपको सबसे अधिक डिविडेंड देती है।

मॉर्गन हाउसेल की पुस्तक ‘रुपये के मनोविज्ञान में रुपये की ताकत को सबसे अच्छे तरीके से समझाया गया है- यह आपको आपके अपने समय पर नियंत्रण की ताकत देता है। कुल-मिलाकर लाइफ इंश्योरेंस का भी यही काम है। इससे आप पर निर्भर लोगों को सहारा मिलता है और यह आपके मौजूदा संसाधनों में किसी तरह की कमी को रोकता है। इसलिए इस बात को लेकर किसी तरह का संदेह नहीं है कि पर्याप्त लाइफ कवर महत्वपूर्ण है। इस मामले में भारत काफी पीछे है। ऐसे में इन पहलुओं पर एक बार फिर से विचार किए जाने की जरूरत है कि लोगों को कितने के लाइफ कवर की आवश्यकता होती है

अधिकतर भारतीय लाइफ इंश्योरेंस को बचत के एक साधन के रूप में देखते हैं और मानते हैं कि इस तरह के प्रोडक्ट्स से संबंधित इंश्योरेंस से जुड़े बेनेफिट्स पर्याप्त होते हैं। ऐसे में आइए एक चीज को साफ करें- हर व्यक्ति जो कुछ पैसे कमाता है और जिस पर कुछ लोग वित्तीय रूप से निर्भर हैं, उसे टर्म इंश्योरेंस खरीदना ही चाहिए।

इसके लिए अरुण का ही उदाहरण लेते हैं। वह 35 साल के हैं और उनकी एक बच्ची है और उनकी पत्नी को दूसरा बच्चा होने वाला है। ऐसे में अरुण एक टर्म इंश्योरेंस खरीदना चाहते हैं और स्थापित नियम के तौर पर वह अपनी सालाना आय की 10 गुना रकम का लाइफ कवर लेना चाहते हैं। अगर यह देखा जाए कि अरुण हर साल 10 लाख रुपये कमाते हैं तो स्थापित नियम के हिसाब से उन्हें एक करोड़ रुपये का लाइफ कवर लेना चाहिए।

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