आदित्य सिन्हा। महाराष्ट्र में कई दिनों से चल रहे सियासी संकट के बीच बृहस्पतिवार के दिन एकनाथ शिंदे ने अपना बहुमत साबित कर के महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में अपने आप को स्थापित कर लिया है। शपथ लेने के चार दिन बाद यानी कि आज सोमवार को महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे ने विधानसभा में फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित कर दिया। इसी के साथ यह भी तय हो गया कि अब एकनाथ शिंदे की सरकार बरकरार रहेगी। फ्लोर टेस्ट में शिंदे के पक्ष में 164 मत पड़े। विपक्ष में 99 विधायकों ने वोट डाला। एनसीपी और कांग्रेस के सात विधायक वोटिंग में शामिल नहीं हुए।
एकनाथ शिंदे को बहुमत साबित करने के लिए विधायकों के 144 मत चाहिए थे। पहले फ्लोर टेस्ट ध्वनि मत के जरिए होना था, लेकिन विपक्ष के हंगामे के चलते नहीं हो पाया। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने हेड काउंट के जरिए मतदान कराया। इसमें विधानसभा के एक-एक सदस्य से पूछा गया कि वह किसके साथ हैं? इस वोटिंग में एकनाथ शिंदे के पक्ष में 164 लोगों ने वोट डाला। विपक्ष में केवल 98 वोट ही पड़े।
फ्लोर टेस्ट से ठीक पहले बड़ा गेम हुआ।
शिवसेना, एनसीपी, कांग्रेस गठबंधन महाविकास अघाड़ी में शामिल बहुजन विकास अघाड़ी ने आखिरी वक्त बगावत कर दी। बहुजन विकास अघाड़ी के तीन विधायकों ने शिंदे के पक्ष में वोट डाला। इसके अलावा कांग्रेस विधायक अशोक च्वहाड़, विजय वडेट्टीवार, प्रणीती शिंदे, जिशन सिद्दीकी, धीरज विलासराव देशमुख, एनसीपी के अन्ना बंसोडे और संग्राम जगताप वोटिंग में नहीं पहुंचे। समाजवादी पार्टी के दो और एआईएमआईएम के एक विधायक ने भी वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया।