दीपक झा। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने 2000 के नोट वापस लिए जाने को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यह क्लीन नोट पॉलिसी’ के तहत किया जा रहा। आरबीआई गवर्नर ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा, मैं आप लोगों को बता देना चाहता हूं, यह रिजर्व बैंक की करेंसी मैनेजमेंट प्रणाली का हिस्सा है। रिजर्व बैंक क्लीन नोट पॉलिसी के अनुसार समय समय पर आरबीआई किसी एक नोट को मार्केट से वापस ले लेता है, और चलन से बाहर कर देता है। लोगो से आरबीआई गवर्नर ने कहा, पैसे बदलने के लिए हरबड़ाए नही आपको बतादे तो केंद्रीय बैंक की ओर से नोट बदलने के लिए 4 महीने यानी 30 सितंबर तक का समय दिया गया है। इसी समय सीमा के भीतर लोगों को नोट चेंज करवाने होंगे। नोट बदलवाने के लिए कोई फॉर्म या आईडी कार्ड नहीं दिखाना होगा। आरबीआई गवर्नर ने आगे कहा 2000 का नोट लाने के कई कारण थे। इस कदम को पॉलिसी के तहत करवाई की थी। आगे उन्होंने कहा यदि पराने नोट बदलने के लिए लगाई पाबंदी को लोग गंभीरता से लेंगे, तो अच्छा रहेगा। हालांकि बैंकों को नोट बदलने का डेटा तैयार करना होगा, और 2000 के नोट का ब्योरा बैंक रखेंगे। 2000 के नोट बदलने की सुविधा सामान्य रहेगी। साथ ही लोगो से अपील करते हुए गवर्नर ने कहा लोग बैंक जाने में जल्दबाजी ना करें, और बाजार में दूसरे नोटों की कमी नहीं है। बैंको को निर्देश-
गर्मी को देखते हुए गवर्नर ने कहा हम बैंको को निर्देश देंगे की बैंको में छाया में बैठने के इंतजाम किए जाए, और पीने का पानी जैसे जरूरत का ध्यान रखा जाए।

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