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पीएम मोदी ने महिलाओ को दी बड़ी सौगात, विपक्ष पर बोला जमकर हमला

मोदी

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  पीएम नरेंद्र मोदी ने प्रयागराज स्थित परेड ग्राउंड में लाखों महिला औऱ पुरुषों को संबोधित किया। जिसमें उन्होंने महिलाशक्ति को बड़ी सौगात दी। मंगलवार को स्वयं सहायता समूहो के बैंक खाते में 1,000 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए। इससे एसएचजी की 16 लाख से ज्यादा महिलाओं को लाभ मिलेगा। इसके अलावा मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के 1.01 लाख लाभार्थियों के खातों में 20 करोड़ रुपये से अधिक की राशि भी ट्रांसफर की जाएगी। मोदी ने परेड ग्राउंड में लाखों महिलाओं को संबोधित भी किया। उन्होंने कहा कि महिला शक्ति इस चुनाव को तय करेंगी। बहन बेटी 2017 के शासन को कभी नहीं भूलेंगी, औऱ इसका मुंह तोड़ जबाव आगामी चुनाव में बीजेपी को भारी मतों से जिताकर विपक्ष को देंगी।  मोदी ने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश की महिलाओं ने, माताओं-बहनों-बेटियों ने ठान लिया है कि अब वो पहले की सरकारों वाला दौर, वापस नहीं आने देंगी। डबल इंजन की सरकार ने यूपी की महिलाओं को जो सुरक्षा दी है, जो सम्मान दिया है, उनकी गरिमा बढ़ाई है, वो अभूतपूर्व है। बेटियां कोख में ही ना मारी जाएं, वो जन्म लें, इसके लिए हमने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के माध्यम से समाज की चेतना को जगाने का प्रयास किया।  भारतीय जनता पार्टी देश की बेटियों को आगे बढ़ाने औऱ भविष्य को आतमनिर्भर बनाने का अधिकार जल्द प्रदान करेंगी। बेटे औऱ बेटियों के समान अधिकार होंगे। 21 साल में अधिकारिक रूप से बेटियों की शादी तय करने के आदेश जारी होंगे। 21 की अवस्था तक बेटी अपना भविश्य तय करने की इच्छा शक्ति जागृत कर लेंगी। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना की 1 लाख से ज्यादा लाभार्थी बेटियों के खातों में करोड़ों रूपये ट्रांसफर करने का सौभाग्य मिला। इसके अलावा बैंक सखियों को 75 हजार करोड़ के लेनदेन की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत करोड़ों शौचालय बनने से, उज्जवला योजना के तहत गरीब से गरीब बहनों को गैस कनेक्शन की सुविधा मिलने से, घर में ही नल से जल आने से, बहनों के जीवन में सुविधा भी आ रही है और उनकी गरिमा में भी बढ़ी है। दशकों तक ऐसी व्यवस्था रही कि घर और घर की संपत्ति को केवल पुरुषों का ही अधिकार समझा जाता था।  घर है तो किसके नाम? पुरुषों के नाम। खेत है तो किसके नाम? पुरुषों के नाम। नौकरी, दुकान पर किसका हक? पुरुषों का। आज प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जो घर दिए जा रहे हैं, वो महिलाओं के ही नाम से बन रहे हैं।

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