आईआईएमटी कॉलेज समूह के छात्रों से पीआईएल मैन ऑफ इंडिया ने किया संवाद

जन-गण-मन यानी हमारे देश के राष्टीय गान का आजादी के संघर्ष में कोई योगदान नहीं रहा। यह बातें आईआईएमटी कॉलेज में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे पीआईएल मैन ऑफ इंडिया नाम से मशहूर और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अश्ननी उपाध्याय ने कही। कार्यक्रम में अश्वनी उपाध्याय का स्वागत आईआईएमटी कॉलेज समूह के प्रबंध निदेशक डॉ. मयंक अग्रवाल ने तुलसी का पौधा देकर उनका स्वागत किया। कार्यक्रम में अधिवक्ता अश्ननी उपाध्याय ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ संगोष्ठी में संविधान के कई कानूनों को लेकर अपने विचार छात्रों से समक्ष रखे। वकील और बीजेपी नेता अश्ननी उपाध्याय ने आगे कहा कि स्वतंत्रा का पूरा का पूरा मूवमेंट वंदे मातरम् के तहत चला। वंदे मातरम इतना पॉपुलर हो गया कि अंग्रेजी सरकार ने इसे बैन कर दिया। ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ संगोष्ठी में बोलते हुए उन्होंने आगे कहा कि वंदे मातरम् को भी राष्टीय गान जैसा ही सम्मान मिलना चाहिए इसके लिए मैने पीआईएल दाखिल कर रखी है। सुप्रीम कोर्ट के वकील ने आगे कहा कि हमने कानूनों का मकड़ जाल बना रखा है। हमारा देश ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ तभी बन सकता है जब एक देश एक दंड संहिता बनाई जाए। वहीं आईआईएमटी कॉलेज समूह के प्रबंध निदेशक डॉ. मयंक अग्रवाल ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में हमारे देश का इतिहास गौरवमयी रहा है क्योंकि नालंदा और तक्षशिला जैसे विश्वविद्धालयों में विदेशों से पढ़ने के लिए लोग हमारे देश आते थे। वहीं दूसरी तरफ कॉलेज समूह के एक्सक्यूटिव डॉयरेक्टर डॉ. जेके शर्मा ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी सोशल प्लेटफार्म का ज्यादा इस्तेमाल कर रही है लेकिन किताबों के पढ़े बगैर आपके ज्ञान का विस्तार नहीं हो सकता। किताबों को पढ़ने से छात्रों में आत्मविश्वास पैदा होता है, इसलिए अधिक से अधिक किताब पढ़नी चाहिए। कार्यक्रम के दौरान कई छात्रों ने वकील अश्वनी उपाध्याय से कानून के कई सवाल पूछे। इस मौके पर सभी कॉलेज के डॉयरेक्टर, डीन, एचओडी सहित अनेक छात्र और फैक्लटी लोग भी मौजूद रहे।

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