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केंद्रीय मंत्री द्वारा सावरकर पर दिए गए बयान का ओवैसी ने किया विरोध

मंगलवार को केंद्रीय रक्षा मंत्री और भाजपा के कद्दावर नेता राजनाथ सिंह ने वीर सावरकर को लेकर अपने विचार एक कार्यक्रम के दौरान जनता के सामने रखे थे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने दावा किया था कि गांधी जी के कहने पर ही सावरकर ने अंग्रेजों के आगे दया याचिका दायर की थी।

उनके इस बयान का अब सोशल मीडिया पर विरोध होने लगा है। कई लोग राजनाथ सिंह को सलाह दे रहे हैं कि व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी के ज्ञान को मंच पर नहीं प्रसारित करना चाहिए।

एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्रीय मंत्री के बयान पर आपत्ति जताई है। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा है कि ये लोग इतिहास को तोड़कर पेश कर रहे हैं। एक दिन ये लोग महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता के दर्ज़े से हटाकर सावरकर को ये दर्ज़ा दे देंगे। उन्होंने दावा किया कि न्यायाधीश जीवन लाल कपूर की जांच में सावरकर को गांधी की हत्या में शामिल पाया गया था।  

बता दें, ओवैसी के बाद मशहूर लेखक अशोक कुमार पांडे ने भी राजनाथ सिंह द्वारा दिए गए बयान पर नाराजगी जताई है। कश्मीरीनामा के लेखक अशोक पांडे ने तंज कसते हुए कहा कि सावरकर जेल में लेटे थे, अचानक उनका मोबाइल बजा। अफ्रीका से गांधी का फोन था। गांधी बोले सावरकर यार जेल में मच्छर बहुत होंगे। माफ़ी मांग के रिहा हो जाओ। सावरकर ने कहा यस ड्यूड और तुरंत माफ़ी लिखकर मेल कर दिया।

गौरतलब है, केंद्रीय रक्षा मंत्री मंगलवार को लेखक उदय माहूरकर और चिरायु पंडित की पुस्तक ‘‘वीर सावरकर हु कुड हैव प्रीवेंटेड पार्टिशन’’ का विमोचन करने के लिए पहुंचे थे। उनके साथ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत भी शामिल हुए थे। इस दौरान रक्षा मंत्री ने कहा हमारे राष्ट्र नायकों के व्यक्तित्व और कृतित्व के बारे में वाद प्रतिवाद हो सकते हैं, लेकिन उन्हें हेय दृष्टि से देखना किसी भी तरह से उचित और न्यायसंगत नहीं कहा जा सकता है। उन्होंने दावा किया कि सावरकर स्वतंत्रता सेनानी थे।

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