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लंदन में ओमिक्रॉन ने बरपाया कहर, जानिए खास रिपोर्ट

ओमिक्रॉन

ओमिक्रॉन

अंजली सिंह: लंदन में ओमिक्रॉन ने जनजीवन पर गंभीर असर डाला है। आईसीयू में भर्ती होने वाले मरीजों के लिए खास रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट से स्पष्ट होता है कि लापरवाही करने से गंभीर हालात उत्पन्न हो सकते है। दरअसल इस संक्रमण का असर देश ही नहीं अपितु समूची दुनियां में त्राहिमाम की स्थिति बन गई है। इसी कड़ी में दुनिया के शक्तिशाली देश भी घुटनों पर आ गए है। फिलहाल वायरस पर अलग-अलग शोध किए जा रहे है। इसके साथ स्वास्थ्य टीम भी अलर्ट मोड़ पर कार्य कर सही है। बता दें कि स्वास्थ्य व्यवस्था के मायने भारत काफी पिछड़ा माना जाता था, उसके बाद गंबीर स्थितियों में भारत ने बड़ी उपलब्दि हासिल की है। टीकाकरण से लेकर वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की आपूर्ति में देश सबसे आगे पहुंच गया है।  हाल ही में ओमिक्रॉन ने अपना ग्राफ बढ़ाना शुरु कर दिया है। इस पर शोधार्थियों का कहना है कि जनवरी और फरवरी में इसकी स्थिति बेहद गंभीर हो सकती है। जानकारो का मानना है कि फरवरी के अंत तक कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है। इस पर सरकारों के द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है। केंद्र सरकार  व राज्य सरकारों ने देशवासियों से अपील की मास्क सैनेटाइज का प्रयोग करते रहे, इसके साथ भीड़भाड़ वाले इलाको में जाने से परहेज करें। रॉयल लंदन अस्पताल के ICU डॉक्टर प्रोफेसर रुपर्ट पीयर्स का कहना है कि कुछ मरीज तो ऐसे हैं जो अस्पताल पहुंचने के बाद डॉक्टर्स को तुरंत वैक्सीन लगाने के लिए गिड़गिड़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अस्पताल में एडमिट होने वाले कोरोना के ज्यादातर मरीज ऐसे हैं जिन्होंने वैक्सीन नहीं लगवाई है और वो उम्र में 20 से 30 साल के हैं।  पूरे UK में 82 फीसदी की तुलना में यहां केवल 61 प्रतिशत लोगों ने वैक्सीन की दोनों डोज लगवाई है।  हालांकि कोरोना के कुछ ऐसे मरीज भी आ रहे हैं जिन्होने वैक्सीन लगवाई है। हमारे पास जितने भी मरीज आ रहे , उनमें से ज्यादातर यही पूछ रहे हैं कि क्या उन्हें अब वैक्सीन लग सकती है?   

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