भारत में बढ़ रहे हैं मंकीपॉक्स के मामले, विश्व के 75 देशों तक पहुंचा संक्रमण

भारत में बढ़ रहे हैं मंकीपॉक्स के मामले

निधि भाटी। देश से कोरोना का खतरा अभी पूरी तरह से गया नहीं है। दूसरी तरफ मंकीपॉक्स ने दुनिया को एक चिंता में डाल दिया है। मंकीपॉक्स का प्रकोप अब तक 75 देशों में पहुंच चुका है। अब भारत में भी इस रोग के कई मामले सामने आ चुके हैं। WHO ने मंकीपॉक्स रोग को लेकर इमरजेंसी की घोषणा कर दी है। कहने का मतलब की अब मंकीपॉक्स पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले सकता है।
पिछले एक महीने में मंकीपॉक्स के मामलों की संख्या बढकर 5 गुना हो गई हैं ।
मंकीपॉक्स के दुनियाभर मे अब तक 16 हजार मामले मिले हैं ,लगभग 80 प्रतिशत केस अकेले यूरोप के है । अमेरिका मे भी इसका असर दिखाई दे रहा है । अमेरिका के सेंटर फार डिजीज कंटरोल (सीडीसी) के मुताबिक वर्ष 1958 यह रोग पहली बार सामने आया था ,यह रिसर्च के लिए रखे गए बंदरो मे देखने को मिला था ,उन बंदरो में चेचक जैसी बीमारी के लक्षण दिखे थे ,इसलिए इस बीमारी का नाम मंकीपाक्स रखा गया ।
मंकीपॉक्स से सक्रमित होने पर दिन के अंदर रोगी को बुखार ,सिर दर्द ,पेट दर्द ,सूजन और थकान जैसी दिक्कते देखने को मिलती हैं ।
शुरुआती दिनों में यह चिकनपाक्स ,खसरा और चेचक की तरह दिखाई पडता है । बुखार होने के 1 से 3 दिन बाद शरीर पर दाने निकलने लगते है,इन दानों की संख्या हजार तक भी हो सकती है ये दाने घाव की तरह दिखाई पडते हैं और सूखने के बाद अपने आप ही छोड़ जाते हैं। लेकिन संकर्मण ज्यादा हो जाने पर ये दाने तब तक सही नहीं होते ,जब तक कि त्वचा ढीली ना हो जाए ।

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