अचानक चाचा शरद पवार से मिलने पहुंचे महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार

दीपक झा। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी एनसीपी के संस्थापक शरद पवार से मिलने के लिए अचानक भतीजे अजीत पवार पहुंचे। शरद पवार की पत्नी प्रतिभा पवार शुक्रवार को दक्षिण मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में सर्जरी के लिए गई थी। प्रतिभा पवार को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद उनसे मिलने के लिए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और शरद पवार के भतीजे अजीत पवार शरद पवार के आधिकारिक आवास सिल्वर ओक गए। अपने ही चाचा से बगावत करने के बाद अजीत पवार पहली बार मिलने के लिए गए। आपको बता दें तो 2 जुलाई को एनसीपी को तोड़ 40 विधायकों का समर्थन लेकर एनडीए में शामिल होकर महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री का पदभार संभाला। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने बहुत बड़ी बात कही शरद पवार से मिले, चाची प्रतिभा पवार से मिले, और साथ ही उनकी चचेरी बहन सुप्रिया सुले भी वहां पर मौजूद थी। अजित पवार लगातार अपने चाचा शरद पवार को राजनीतिज्ञ गुरु मानते हैं। एक बार फिर से उन्होंने शरद पवार को प्रेरणा सूत्र बताया, उन्होंने कहा हमारे नेता शरद पवार हैं। यहां तक कि उन्होंने उनकी तस्वीर का इस्तेमाल करने की बात भी स्वीकार की। अजित पवार ने शरद पवार को शिक्षा विभाग से संबंधित मामले को लेकर एक पत्र सौंपा। साथ ही उन्होंने कहा कि हमारी परंपरा रही है कि हम अपने परिवार को हमेशा सर्वप्रथम महत्व देते हैं। आप लोग जानते हैं कि हमारी चाची अस्पताल में भर्ती थी। ऐसे में नैतिकता के तौर पर मैं उनसे मिलने के लिए पहुंचा था। उनका हालचाल जानने के लिए गया था।

आपको बता दें, तो वह अपनी चाची प्रतिभा पवार के करीबी माने जाते हैं। 2 जुलाई के बाद ऐसा पहली बार था, जब वह अजीत पवार प्रतिभा पवार या सुप्रिया सुले से मुलाकात करने के लिए गए थे। उससे पहले विवादों का दौर था। जिसमें अजीत पवार पर सुप्रिया सुले से लेकर अजित पवार तक बरस रहे थे। उन्होंने कहा था, कि हमने पार्टी नहीं तोड़ी है, बल्कि जिन्होंने तोड़ी है। उनको हम नहीं छोड़ेंगे। महाराष्ट्र की जनता उन्हें माफ नहीं करेगी। ऐसी मुलाकात कहीं ना कहीं सियासी मायने में गलियारों में एक प्रश्न छोड़ती है कि क्या अजीत पवार ने जो किया। उसके पीछे शरद पवार का तो खेल नहीं क्योंकि ऐसा माना जाता है, कि अजित पवार को राजनीति में धोखा देना बहुत ही कठिन है, और वह तो 40 विधायक के साथ एनडीए में शामिल हो गए। हाल के दिनों में शरद पवार अपनी पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना चाहते थे, तो सभी कार्यकर्ता रोने लगे और उनसे इस्तीफा वापस लेने की मांग कर डाली। ऐसे में शरद पवार के खिलाफ बगावत हजम नहीं होती। अजीत पवार प्रफुल पटेल इन नेताओं का कहना है, कि 22 जून को जो पटना में महागठबंधन की बैठक हुई। जिसमें विपक्षी दलों ने एक साथ एक मंच पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करके एक मत होने का दावा किया, तो वह उन दावों से सहमत नहीं थे। ऐसे में उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि नरेंद्र मोदी की जो सरकार है। वह बेहतर है, और हमें लगता है कि हम उनके साथ काम करें।

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