दीपक झा। अपने अधिकार को लेकर दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच आठ सालों से लड़ाई चल रही थी। सुप्रीम कोर्ट का फैसला 8 सालों की लड़ाई के बाद आया। जिसके बाद ऐसा लग रहा था की यह लड़ाई अब समाप्त हो गई। लेकिन केंद्र सरकार ने इस फैसले को पलट दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था दिल्‍ली में अफसरों की तबादला-पोस्टिंग और शक्ति प्रदर्शन का मोहरा बन गया है। हफ्ते भर पहले, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्‍ली में पुलिस, कानून-व्यवस्था और भूमि को छोड़कर और सभी अन्य सेवाओं का नियंत्रण दिल्ली सरकार को सौंप दिया था। लेकिन केंद्र सरकार ने इसे पलट दिया, और इसके खिलाफ अध्यादेश ले आई। जिसके बाद फिर से यह अधिकार एलजी के पास चले गए। अब फिर से दिल्ली सरकार के हाथ खाली रह गए। अब इसको लेकर केजरीवाल का गुस्सा सातवें आसमान पर है। केजरीवाल सहित पूरा विपक्ष एक होता नजर आ रहा है। बीते दिन केजरीवाल से मिलने उनके आवास पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार, और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव दोनो एक साथ आए। नीतीश कुमार ने कहा सरकार का रवैया तानाशाह जैसा है। कांग्रेस का समर्थन है केजरीवाल को, सरकार के अध्यदेस के खिलाफ केजरीवाल ने सभी विपक्षी पार्टियों से अनुरोध किया कि राज्यसभा में इसका विरोध करें। इसको पास न होने दे जिस पर कोंग्रेस की प्रतिक्रिया नहीं आई। लेकिन सोमवार को नीतिश कुमार राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की। जिसके बाद कांग्रेस पार्टी ने प्रेस कांफ्रेंस कर समर्थन करने का ऐलान किया। आपको बता दें तो राज्यसभा में सत्ता दल के पास बहुमत नहीं है। ऐसे में केजरीवाल सभी विपक्ष पार्टियों को एक साथ आकर इस बिल को रोकने को कह रहे हैं। केजरीवाल इस मुद्दे को ऐसे नहीं जाने देना चाहते हैं, ऐसा कहा जा रहा है, इस बिल के खिलाफ आप पूरे विपक्ष को एक साथ लाना चाहती है।

About Post Author