प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टीडीबी) का कार्य

प्रौद्योगिकी

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प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टीडीबी) ने वर्ष 2023 के लिए मुख्य, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई), स्टार्टअप, अनुप्रयोगी अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी व्यवसाय इनक्यूबेटर जैसी पाँच अलग-अलग श्रेणियों में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी पुरस्कारों के लिए भारतीय कंपनियों से आवेदन आमंत्रित किए हैं। भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के वैधानिक निकायटीडीबी द्वारा ये पुरस्कार विभिन्न उद्योगों को नवीन स्वदेशी प्रौद्योगिकी के विकास और उसके सफल व्यवसायीकरण के लिए प्रदान किए जाते हैं।

इस विशेष दिन को मनाने के लिए, भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) का एक वैधानिक निकाय-प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टीडीबी) अपने जनादेश के आधार पर ऐसे तकनीकी नवाचारों का सम्मान करता है, जिन्होंने ‘वर्ष 1999 से राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी पुरस्कार’ के तत्वावधान में राष्ट्रीय विकास में सहायता की है। लघु स्तरीय उद्योग (एसएसआई) इकाइयों के लिए दूसरी श्रेणी 2000 में शुरू की गई थी तथा जिसे बाद में ‘सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई)’ श्रेणी का नाम दिया गया। इसके अतिरिक्त व्यवसायीकरण की संभावना वाले स्टार्टअप इनक्यूबेटर्स द्वारा किए गए उल्लेखनीय कार्य को पहचानने और पुरस्कृत करने के लिए, डीएसटी ने 2004 में ‘प्रौद्योगिकी व्यवसाय इनक्यूबेटर)’ श्रेणी की स्थापना की। इसी तरह, 2021 से टीडीबी द्वारा विज्ञान और प्रौद्योगिकी में ‘ अनुप्रयोगी अनुसंधान (ट्रांसलेशनल रिसर्च)’ के लिए एक नई श्रेणी शुरू की गई है।
प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टीडीबी) ने वर्ष 2023 के लिए मुख्य, सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई), स्टार्टअप, अनुप्रयोगी अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी व्यवसाय इनक्यूबेटर जैसी पाँच अलग-अलग श्रेणियों में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी पुरस्कारों के लिए भारतीय कंपनियों से आवेदन आमंत्रित किए हैं। भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के वैधानिक निकाय टीडीबी द्वारा ये पुरस्कार विभिन्न उद्योगों को नवीन स्वदेशी प्रौद्योगिकी के विकास और उसके सफल व्यवसायीकरण के लिए प्रदान किए जाते हैं। यह वार्षिक पुरस्कार ऐसे भारतीय उद्योगों और उनके प्रौद्योगिकी प्रदाताओं को पहचान का एक मंच प्रदान करता है, जो बाजार में नवाचार लाने के लिए काम करते हैं और “आत्मनिर्भर भारत” के दृष्टिकोण में योगदान करते हैं। हर साल राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के अवसर पर ये पुरस्कार प्रदान किये जाते हैं। भारतीय सेना की पोखरण रेंज में 11 मई 1998 को सफलतापूर्वक परमाणु परीक्षण की भारत की उपलब्धि के बाद से प्रतिवर्ष 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कार्यरत वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं, इंजीनियरों और अन्य सभी सम्बद्ध पक्षों/व्यक्तियों की उपलब्धियों को रेखांकित एवं प्रोत्साहित करना है।

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