पार्थ चटर्जी और अर्पिता के घर ED का छापा

पार्थ चटर्जी और अर्पिता
अंकित कुमार तिवारी। पश्चिम बंगाल के वाणिज्य और उद्योग विभाग के मंत्री और टीएमसी नेता पार्थ चटर्जी को सरकारी स्कूलों में कथित भर्ती घोटाले के सिलसिले में 24 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ के बाद आज सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार कर लिया। एजेंसी ने उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को भी हिरासत में लिया है। इस घोटाले के वक्त पार्थ शिक्षा मंत्री थे।
वाणिज्य और उद्योग विभाग के वर्तमान मंत्री और पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री, पार्थ चटर्जी अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के पश्चिम बंगाल महासचिव भी हैं। पार्थ चटर्जी के पास संसदीय कार्य मंत्रालय का विभाग भी है। 2014 से 2021 तक चटर्जी ममता बनर्जी की कैबिनेट में शिक्षा मंत्री थे। 2001 में, पार्थ चटर्जी तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर बेहाला पश्चिम से विधायक चुने गए थे और तब से दक्षिण कोलकाता सीट पर बने हुए हैं। 2011 में ममता बनर्जी की पार्टी की सरकार बनने से पहले, चटर्जी 2006 से 2011 तक पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता थे। पार्थ साल 2016 में कई मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं।
पार्थ चटर्जी का जन्म छह अक्तूबर 1952 को कोलकाता में हुआ था। उन्होंने रामकृष्ण मिशन विद्यालय, नरेंद्रपुर से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की। उसके बाद उन्होंने आशुतोष कॉलेज से अर्थशास्त्र की पढ़ाई पूरी की। कलकत्ता विश्वविद्यालय से एमबीए पूरा करने के बाद, चटर्जी ने एंड्रयू यूल के साथ एक मानव संसाधन पेशेवर के रूप में काम किया। वह कोलकाता में नकटला उदयन दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष भी हैं, जो अपने थीम वाले पंडालों के लिए प्रसिद्ध है।
साल 2016 में पार्थ उच्च शिक्षा और स्कूल शिक्षा विभाग, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, सार्वजनिक उद्यम, सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक्स के प्रभारी मंत्री बनाए गए थे।
पार्थ को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी सहयोगियों में से एक माना जाता है। वे टीएमसी के टिकट पर 2001, 2006, 2011, 2016 और 2021 में लगातार पांच बार विधायक चुने जा चुके हैं।