सीएपीएफ के लाखों जवानों का सपना टूटा, पेंशन पर केंद्र ने लगाया स्टे

लवी फंसवाल। केंद्रीय अर्धसैनिक बल ‘सीएपीएफ’ के लाखों जवानों का पुरानी पेंशन मिलने का सपना बिखर गया है। इस साल 11 जनवरी को ‘सीएपीएफ’ ने पुरानी पेंशन लागू करने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला दिया था। जिसके बाद उस पर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से फरवरी 2024 तक स्थगत आदेश ले लिया था। यह आर्डर जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बेला त्रिवेदी की पीठ ने दिया है। केंद्र सरकार की तरफ से सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता भी सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए।

आपको बता दें कि इससे पहले हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि केंद्रीय अर्धसैनिक बल ‘भारत संघ के सशस्त्र बल हैं’। जिस पर अदालत ने केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में एनपीएस को स्ट्राइक डाउन करने की बात भी कही थी। इन बालों में चाहे कोई आज भर्ती हुआ हो, पहले कभी भर्ती हुआ हो आने वाले समय में भर्ती हो, सभी जवान और अधिकारी पुरानी पेंशन के दायरे में आयेंगे।

केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में पुरानी पेंशन लागू करने को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने 11 जनवरी को दिए गए फैसले में कहा था कि सीआरपीएफ में 8 सप्ताह के अंदर पुरानी पेंशन लागू कर दी जाए। जिसके बाद अदालत की वह अवधी होली पर खत्म हो चुकी थी। जिस पर केंद्र सरकार उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ, अदालत में तो नहीं गई, मगर अदालत से 12 सप्ताह का समय मांग लिया। जरूरी बात यह रही, कि केंद्र सरकार ने जो हाईकोर्ट के समक्ष दलील दी, उसमें 12 सप्ताह के अंदर ‘ओपीएस’ लागू करने की बात नहीं कही। इस मुद्दे पर महज सोच-विचार के लिए समय मांगा गया था। इस अवधि में केंद्र सरकार, दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट भी जा सकती है या कानून दायरे में दूसरा रास्ता भी निकाल सकती है। केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट में दी अपनी याचिका में यह सब अधिकार अपने पास कायम रखे थे।

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