ट्विन टावर के ध्वस्त होने पर डॉक्टरो ने दी चेतावनी

ट्विन टावर

छाया सिंह। नोएडा स्थित सुपरटेक ट्विन टावर को कल के दिन दोपहर 2:30 बजे के करीब महजब 9 मिनट के अन्दर उसे पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया था। कई वर्ष पहले से चली आ रही कानूनी लड़ाई को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दोनो इमारतों को गिराने का आदेश दिया था। ट्विन टावर के दोनो बिल्डिंग में कुल 850 फ्लैट थे, यह नोएडा के एक्सप्रेसवे के पास सेक्टर 93 ए में स्थित था।इस टावर के ध्वस्त होने से भले ही प्रदूषण ज्यादा खास नहीं बढ़ा लेकिन डाँक्टर कहते हैं, कि पर्यावरण में सिलिकान डाइआक्साइड, पीएम-10, पीएम-2.5 से और उसके सूक्ष्म कण आठ से 10 दिनों तक वातावरण में मौजूद रह सकते हैं।बीमार बुजुर्गों के साथ बच्चों का भी रखें खास ख्यालट्विन टावर के पास चार से पांच किलोमीटर के स्थित दायरे वाले एरिया में सांस व दिल के मरीजों को वहां पर रहने से बचना चाहिए। ताकिं वातावरण में उपस्थित बारुद के सूक्ष्म कण दूषित हवा के माध्यम लोगों के स्वास्थय को हानि ना पहुंचा सके।अस्थमा के मरीज समय पर ले अपनी दवाएंबारुद के धूलकणों से सांस की तीन बीमारियां सीओपीडी क्रानिक आब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज अस्थमा व ब्रोंकाइटिस की बीमारी बढ़ सकती है। लिहाजा सीओपीडी व अस्थमा से पीड़ित मरीजों को अपनी दवा लेते रहना चाहिए। थोड़ी भी समस्या बढ़ने पर डाक्टर के पास जाकर अपनी जांच कराएं।घर पर भी लगाए एन-95 मास्कआकाश सुपर अस्पताल के पल्मोनरी मेडिसिन के विशेषज्ञ डा. अजय बुधराजा ने कहा हैं, कि जब तक ट्विन टावर का पूरा मलबा हट नहीं जाता तब तक उसके धूलकण हवा की गति के अनुसार आसपास के इलाकों में फैलेगे, इसलिए घर की खिड़कियो व दरवाजो को बंद करके रखना चाहिए। घर से बाहर निकलने पर एन-95 मास्क का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए।

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