Site icon IIMT NEWS, Hindi news, हिंदी न्यूज़ , Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Breaking News in Hindi, ताजा ख़बरें

दिल्ली फंसा है धुएं की राजनीति में, पंजाब में केजरीवाल सरकार तो ज़िम्मेदारी किस पर?

दीपक झा। दिल्ली में प्रदूषण की राजनीति कब खत्म होगी। यदि पहले यही सवाल केजरीवाल से क्या जाता था तो वह सारा ठीकरा पंजाब और हरियाणा सरकार पर डाल दिया करते थे। लेकिन, मौजूदा वक्त में यदि ध्यान देखें तो पंजाब में केजरीवाल सरकार है, भगवत मान पंजाब के सीएम हैं, लेकिन दिल्ली प्रदूषण के मुकाबले ज्यों के त्यों हैं। मौजूदा वक्त में दिल्ली में प्रदूषण का लेवल ऐसा है, यदि आप धुएं वाली नशा नहीं करते हैं और आप दिल्ली में रहते हैं, तो भी प्रति दिन करीब 40 सिगरेट जैसा धुआं आपके फेरेडों में चला जाता है।

यह महीना त्योहारों से भरा हुआ है, जहां दीपावली में हफ्ता भर का समय है, तो वहीं दिल्ली में छट भी धूम-धाम से मनाई जाती है। अब यह देखना होगा की दिल्ली सरकार की क्या रणनीति है। गाजियाबाद नोएडा और फरीदाबाद समेत दिल्ली की कई जगहों पर AQI 500 के निकट पहुंच गया है।

वैसे तो पंजाब में पराली जलाने पर दिल्ली में प्रदूषण बाढ़ जाता है। लेकिन राजनीति भी तेज हो जाती है, जहां इस पर पहले खुलकर दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल बोला करते थे। वहीं हाल के दिनो मे इस पर चुप्पी साधे हुए हैं। प्रदूषण के कई कारण है। जिनमें पराली सबसे प्रमुख है। करीब हर वर्ष पराली से दिल्ली के आसपास के क्षेत्र में हर वर्ष करीब 44 फीसदी प्रदूषण बढ़ जाता है। इसके साथ कई और वजह है जैसे पेट्रोल की गाड़ियां डीजल से चलने वाली गाड़ियां और पुरानी गाड़ी। पराली पर राजनीति तो बहुत जोरों की हो रही है। लेकीन, दिल्ली वाले अभी तक इस बात से बेफिक्र नहीं हो सकते कि उनके आसपास की हवा दूषित नही है। कई राजनीतिक विशेषज्ञ का मानना है आप दिल्ली वालों को कई फ्री के योजनाएं दिल्ली दे रही है, इसलिए भी विरोध की आग कम है। अभी तक ऐसा कोई ठोस कदम किसी भी सरकार में देखने को नहीं मिला जो यह सुनिश्चित कर सके कि आगे प्रदुषण नहीं होगा।

Exit mobile version