चीन इस भ्रम में न रहे कि भारत शांत बैठ जाएगाः पूर्व विदेश सचिव विजय गोखले

पूर्व विदेश सचिव विजय गोखले

पूर्व विदेश सचिव विजय गोखले

अरुणाचल प्रदेश के त्वांग सेक्टर में भारतीय सेना और चीनी सैनिकों के बीच एक बार फिर से झड़प होने के बाद तनाव की स्थिति बनी हुआ है। इसी बीच झड़प को लेकर भारत के पूर्व विदेश सचिव विजय गोखले का बयान सामने आया है। उन्होंने चीन को फटकार लगाते हुए कड़े शब्दों में कहा है कि चीन इस भ्रम में न रहे की भारत एलएसी पर उसे मुंहतोड़ जवाब नहीं देगा।
भारत चीन की हर गलत हरकता का और उसकी गलत नीतियों का करारा जवाब देगा। विजय गोखले ने आगे कहा है कि 2020 की गलवान हरकत ने चीन के बारे में राष्ट्रीय जनमत को फिर से आकार देने का काम किया है। हमारी फौज हर स्तर और हर मोर्चे पर चीन को करारा जवाब देने के लिए तैयार है। उन्होंने आगे कहा है कि गलवान घटना को भारत ने सोच समझकर अंजाम दिया था जिसके बारे में चीन ने सोचा तक नहीं था। भारतीय सेना ने स्नो लेपर्ड ऑपरेशन के जरिए पेंगोंग त्सो झील से चीन को पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया था। ऐसे में चीन की ये धारणा कि एलएसी पर छोटी-मोटी घटनाओं के बदले में भारत पलटवार नहीं करेगा क्योंकि भारत जोखिम नहीं लेना चाहता, शायद अब यह काम नहीं करती। गोखले ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि चीन दो धारणाओं पर काम करता है पहली यह है कि भारत सीमा पर होने वाली किसी भी छिटपुट घटना के बदले में बड़े पैमाने पर सैन्य पलटवार नहीं करेगा। दूसरी ये है कि भारत उसके साथ सैन्य टकराव करने वाले पक्ष के खिलाफ दूसरे देशों के साथ मिलकर मोर्चेबंदी नहीं करेगा। इन दोनों धारणाओं को भारत की रणनीतिक सोच में 2020 के बाद आए बदलावों को ध्यान में रखते हुए देखा जाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि चीन के राजनेता को अपनी इस सोच को छोड़ देना चाहिए कि आने वाले समय में किसी सैन्य टकराव के बाद भारतीय प्रतिक्रिया बेहद मामूली होगी क्योंकि भारत एलएसी पर खुद की सैन्य क्षमताओं और चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए विकास करने को लेकर समर्पित है।

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