हरिद्वार में आई गजब तकनीकी, अब बिना ड्राइवर के चलाई जाएगी अजब-गजब दिखने वाली पॉड टैक्सी

चंचल सैनी। पॉड टैक्सी एक तरह की गजब इलेक्ट्रिक कार है जो की बिना ड्राइवर के चलाई जाती है। ये एक छोटी कार है, जो कि एक स्थान से दूसरे स्थान तक लोगों को बहुत तेज गति के साथ कम समय में पहुंचाती है। उत्तराखंड राज्य सरकार की प्रस्तावित पर्सनल रैपिड ट्राजिट यानी पॉड टैक्सी जल्द दौड़ती नजर आएगी। हालांकि यहां पर इस परियोजना का विरोध किया जा रहा है। हालही में व्यापारी, पुजारी समिति और गंगा सभा के सदस्यों ने उत्तराखंड भाजपा के पूर्व अध्यक्ष मदन कौशिक से मुलाकात कर इसका विरोध जताया। पॉड टैक्सी योजना को हरिद्वार के लिए प्रस्तावित किया गया है। उत्तराखंड मेट्रो रेल पर बढ़ती भीड़ को देखते हुए हरिद्वार में इस परियोजना का आविष्कार किया।
आइए जानते हैं कि आखिर पॉड टैक्सी क्या होती है और यह कैसे कार्य करती है। क्या होती है POD टैक्सी ? पॉड टैक्सी एक तरह से इलेक्ट्रिक कार की तरह होती है जो की बिना ड्राइवर के चलाई जाती है। एक तरह से कहें तो ये छोटी कार है, जो ऑटोमैटिक चलती है, और एक स्थान से दूसरे स्थान तक लोगों को कम समय में बहुत तेज गति से ले जाती है। इस छोटी सी पॉड टैक्सी में तकरीबन 8 यात्री एक साथ बैठ सकते हैं, और 13 लोग खड़े होकर भी यात्रा कर सकतें है। इसमें ऑटोमैटिक व्हीकल प्रोटेक्शन सिस्टम होता है। इसमें सेंसर लगे है। जो किसी भी खतरे की स्थिति में कंट्रोल रूम को संदेश भेजते हैं, और उसी वक्त पॉड को रोका जा सकता है। तीसरे लेवल पर हर पॉड टैक्सी को रवाना होने से पहले प्रोसेसड सिग्नल की जरूरत होती है। ये टैक्सी भी एक तरह की मेट्रो सेवा ही है जो मेट्रो कारपोरेशन के अंतर्गत ही आती है। यूके एमआर सी के जनसंपर्क अधिकारी गोपाल शर्मा के मुताबिक प्रस्तावित पॉड टैक्सी 600 से 800 मिमी व्यास की है। जो 6 मीटर ऊंचे खंभों पर दौड़ती है। पॉड टैक्स की आवाजाही के लिए 4.5 मीटर चौड़े रास्ते की आवश्यकता होती है। अब लंदन में भी पॉड टैक्सी की सेवा जारी। पॉड टैक्सी सेवा सबसे पहले लंदन में शुरू हुई थी। यहां हीथ्र एयरपोर्ट पर सन् 2010 से काम कर रही है। लंदन में यह 22 घंटे तक की सेवा करती है। यह लंदन की सबसे बेहतरीन परिवहन सेवाओं में से एक है। चीन में भी इसका काम जोरों-शोरों से चल रहा है। इसी साल तक यहां भी पॉड टैक्सी शुरू होने की संभावना है। इसके अलावा भारत में भी कई जगह पॉड टैक्सी चलाने की चर्चा हो रही है। इसी बीच देखा जाए तो उत्तराखंड सरकार ने हरिद्वार के लिए इसे सबसे पहले प्रस्तावित किया है। आखिर पॉड टैक्सी पर विरोध क्यों? हरिद्वार में पॉड टैक्सी प्रोजेक्ट का विरोध किया जा रहा है। दरअसल यहां पर भारत माता मंदिर से सीतापुर, डीएवी स्कूल से गणेशपुरम समेत चार कॉरिडोर पर पॉड टैक्सी परियोजना प्रस्तावित है। विरोध कर रहे लोगों का तर्क है, कि पॉड टैक्सी योजना से पहले से संकरी सड़कों पर यातायात की स्थिति और ज्यादा बिगड़ जाएगी। हालांकि TOI की एक रिपोर्ट के मुताबिक पॉड टैक्सी के लिए बनाए जाने वाले खंभों की आसपास में दूरी 10 से 20 मीटर की होगी, इससे यातायात पर कोई विशेष असर नहीं पड़ेगा।

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