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भाजपा के खिलाफ अखिलेश यादव का नया फार्मूला

अखिलेश यादव

अखिलेश यादव

आदित्या सिन्हा। 2022 के विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद अखिलेश यादव ने अपनी रणनीति बदल दी है। भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ सपा प्रमुख ने अपना अलग अंदाज अपनाना शुरू कर दिया है

सियासी जानकारों का कहना है कि अखिलेश किसी भी हालत में 2024 और फिर 2027 में समाजवादी पार्टी की परफॉरमेंस बेहतर करना चाहते हैं। यही कारण है कि इस बार वह अपनी पुरानी गलतियों को फिर से दोहराना नहीं चाहते हैं।
क्या थी अखिलेश की पुरानी गलतीयां ?


2017 चुनाव में मिली हार के बाद अखिलेश यादव ने ईवीएम का मुद्दा उठाया था। भाजपा पर धांधली का आरोप लगाकर फिर वह शांत हो गए थे। 11 मार्च 2017 को विधानसभा चुनाव का परिणाम आया था। इसके बाद उन्होंने 11 मार्च 2017 से 6 अप्रैल 2017 तक यानी की 26 दिनों में ही उन्होने 10 ट्वीट किए। जिसमे से तीन ऐसे ट्वीट थे, जिसके जरिए उन्होंने भाजपा को घेरने की कोशिश की थी। और दो ट्वीट ईवीएम की जांच को लेकर थे। एक ट्वीट किसानों की कर्ज माफी के वादे को लेकर था।
2019 में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला था। 2019 लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के महज 26 दिन के भितर ही अखिलेश यादव के 22 ट्वीट थे। जिसमे 10 ट्वीट सिर्फ भाजपा सरकार के खिलाफ थे, और बाकी के 12 ट्वीट में तीज-त्योहार की बधाई दी गई थी |


कुछ ऐसा ही 2022 के चुनाव में मिली हार के बाद देखने को मिला, 10 मार्च को आए चुनाव परिणाम के बाद अखिलेश ने 10 मार्च से लेकर आज तक 26 दिनों दिन के अंदर ही कुल 52 ट्वीट किए है। इसमें 45 ट्वीट भाजपा सरकार के खिलाफ है। मतलब साफ है कि अखिलेश अब हर तरह से भारतीय जनता पार्टी को घेरने की कोशिश कर रहे हैं।
क्या है अखिलेश का नया फार्मूला ?

  1. मुद्दा कोई भी हो बिजेपी को घेरना: अखिलेश यादव किसी भी मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी की सरकार को घेर रहे हैं। चुनाव परिणाम आने के बाद से वह ट्विटर व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक्टिव हैं। हर रोज वह कम से कम दो ट्वीट करते हैं। इसमें अलग-अलग घटनाओं के जरिए बिजेपी सरकार पर निशाना साधते हैं। यही कारण है कि उन्होंने लोकसभा की सदस्यता छोड़कर यूपी विधानसभा की सदस्यता जारी रखी है।
  2. सोशल मीडिया को बनाया है हथियार : भाजपा ने जिस सोशल मीडिया के जरिए 2014, 2017, 2019 और फिर 2022 में जीत हासिल की है, उसे ही अब अखिलेश अपना हथियार बना कर इस्तेमाल कर रहे हैं
  3. धरना-प्रदर्शन: अखालेश यादव ने अलग-अलग मुद्दों पर धरना प्रदर्शन कर भाजपा सरकार को घेरने का फैसला किया है। पार्टी के जिला स्तर के नेताओं को भी कहा गया है कि वह छोटी सी छोटी बातो को लोगों के सामने रखें।
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