21 दिनों तक बेटे का शव रखने के बावजूद लाचार पिता को नहीं मिला न्याय

उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में इंसाफ की आस लगाए पिता ने बेटे का शव डीप फ्रीजर में 21 दिनों तक रखा लेकिन बेटे के हत्यारों पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। उधर, जिला प्रशासन ने बेटे के शव का अंतिम संस्कार न करने पर परिजनों के खिलाफ नोटिस जारी कर दिया है। मजिस्ट्रेट ने मृतक के घर पर प्रशासनिक अधिकारी शमशाद हुसैन को भेजा। हुसैन के मुताबिक, मामला जिले के सरैया मझौवा गांव का है। रिटायर्ड सूबेदार शिवप्रसाद पाठक का आरोप है कि 1 अगस्त को दिल्ली में रह रहे बेटे शिवांक की निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई थी। शिकायत के बावजूद अभी तक प्रशासन ने आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। वहीं, इस घटना पर प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है किमृतक के पिता द्वारा अपील की गई थी कि बेटे का दोबारा पोस्टमार्टम किया जाए और बहू समेत 5 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया जाए। उनकी इस मांग को न्यायिक मजिस्ट्रेट ने खारिज कर दिया है। अधिकारियों ने आगे बताया कि परिजनों ने इंसाफ मिलने तक शव का अंतिम संस्कार न करने का प्रण किया है।
वहीं, जिला प्रशासन ने परिजनों के खिलाफ नोटिस जारी करते हुए कहा कि बेटे का अंतिम संस्कार नहीं किया तो मजबूरन परिजनों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करनी पड़ेगी। काफी समझाने के बाद भी प्रशासन अंतिम संस्कार कराने में नाकाम रहा। जानकारी के मुताबिक, शिवांक 2012 से दिल्ली के कॉल सेंटर में नौकरी कर रहा था। इसी दौरान एक व्यक्ति के साथ मिलकर उसने कंपनी खोली थी। वहीं पार्टनर ने दिल्ली निवासी एक महिला को एचआर के पद पर नियुक्त किया था। अफेयर के चलते शिवांक ने उसी महिला से शादी कर ली थी। आरोप है कि शिवांक की संपत्ति पर युवती की नजर थी। बता दें, कि 1 अगस्त को शिवांक की संदिग्ध हालत में मौत हुई थी। पुलिस ने अभी तक आरोपियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत नही किया है। पिता का कहना है कि पोस्टमार्टम के बाद शव को 3 अगस्त में सुल्तानपुर पैतृक गांव लेकर आया गया था। उसके बाद से सांसद, विधायक समेत जिला प्रशासन से न्याय की गुहार लगा चुके हैं।

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