Site icon IIMT NEWS, Hindi news, हिंदी न्यूज़ , Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Breaking News in Hindi, ताजा ख़बरें

सिजेरियन डिलिवरी ऑपरेशन से पैदा हो सकते हैं बच्चे, डब्लूएचओ बोला यह ठीक नहीं

डिलिवरी

निधि वर्मा। आमतौर पर डिलिवरी के वक्त कॉम्पिलीकेशंस होने पर सिजेरियन-सेक्शन का सहारा लिया जाता है ताकि मां और बच्चा दोनों सुरक्षित रहें। लेकिन अब भारत में सिजेरियन डिलिवरी कराने वाली महिलाओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के मुताबिक, देश में चार साल में सिजेरियन डिलिवरी में 30 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।


डब्लूएचओ की गाइडलाइंस के मुताबिक, सिजेरियन डिलिवरी की दर 15 फीसदी से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। लेकिन सर्वे के आंकड़े बताते हैं कि भारत में प्राइवेट हॉस्पिटल में हर दो में से एक महिला सी-सेक्शन से बच्चे को जन्म दे रही है, जबकि देश में हर पांच में से एक महिला का सिजेरियन ऑपरेशन होता है।


नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 के मुताबिक, देश में साल 2014-15 के बीच सिजेरियन ऑपरेशन की दर 17.2 फीसदी थी, जो साल 2019-2020 में बढ़कर 21.5 फीसदी पहुंच गई। इसका मतलब है कि प्राइवेट या सरकारी अस्पताल में बच्चे को जन्म देने वाली प्रत्येक 5 में से 1 महिला का सिजेरियन ऑपरेशन होता है।


देश के कई राज्य और केंद्र शासित प्रदेश ऐसे हैं, जहां प्राइवेट अस्पतालों में 10 में से 7 या 8 बच्चे सिजेरियन ऑपरेशन से जन्म लेते हैं। प्राइवेट हॉस्पिटल मे इसके से पश्चिम बंगाल में 82.7% जम्मू-कश्मीर मे 82.1 तामिलनाडु में 81.1 अंडमान निकोबार में 79.2% असम में 70.6% बच्चों का जन्म होता है। वहीं ओडिशा 70.7% , पंजाब 55.5%, तमिलनाडु 63.8% और कर्नाटक 52.5% आदि उन राज्यों में शामिल हैं, जहां के प्राइवेट हॉस्पिटल में सिजेरियन डिलिवरी की दर बढ़ी है।


जिन महिलाओं का पहला बेबी सिजेरियन डिलिवरी से दुनिया में आया है, नमें ज्यादातर मामलों में उनकी दूसरी डिलिवरी भी सी-सेक्शन से होती है। डॉक्टर के मुताबिक, कुछ कपल चाहते हैं कि उनका बच्चा किसी खास दिन या विशेष मुहूर्त में पैदा हो। इसलिए भी महिलाएं सिजेरियन डिलिवरी कराती हैं।

Exit mobile version