सांप्रदायिक झगड़े का केंद्र बन सकती हैं श्रमिक ट्रेनें, रेलवे ने सभी जोनों को किया अलर्ट

सोनाली कौटियाल

कोरोनावायरस संक्रमण के चलते हैं सरकार ने इसको कम करने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का फार्मूला अपनाया है। लॉक डाउन बढ़ने के कारण मजदूरों और कामगारों को उनके मूल राज्य तक पहुंचाने के लिए श्रमिक ट्रेनों का प्रबंध किया गया है जो कि सांप्रदायिक उपद्रवियों का केंद्र भी बन सकता है। रेलवे ने इस बात की आशंका जताते हुए सभी जोन को सतर्क किया है और श्रमिक ट्रेनों में निर्देश दिए गए हैं कि उसमें बैठने वाले सभी यात्रियों का पूर्ण रूप से निर्देशन करें। इसके साथ ही रेलवे ने श्रमिक ट्रेनों में यात्रियों के व्यवहार के लिए गाइडलाइंस की तैयारियां भी की है जिससे सभी के बीच जागरूकता फैले।गाइडलाइंस में प्रोटोकॉल को शुरुआती स्टेशन, गंतव्य स्टेशन और ट्रेन यात्रा के तीन भागों में बांटा गया है। रेलवे ने शुक्रवार से सोमवार शाम तक करीब 60 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के बाद अब सैनिटाइजर और उसकी सुरक्षा के लिए गाइडलाइंस में जारी किए हैं।

इन सभी के साथ साथ ट्रेनों के सभी प्रारंभिक स्टेशन और निकासी स्टेशनों पर कड़ी सुरक्षा का इंतजाम किया गया है जिससे कि संक्रमण किसी भी प्रकार से तेज गति से न फैलें। गाइडलाइंस के अनुसार भी कड़ी सुरक्षा को बढ़ाने के लिए सभी प्रकार के सुरक्षाबलों, सैनिकों ,होमगार्डों और अन्य निजी सुरक्षाकर्मियों की व्यवस्था शीघ्र ही करनी है। इन सबके अलावा श्रमिक ट्रेनों को सांप्रदायिक विवादों का केंद्र बनने से रोकने के लिए खुफिया एजेंसी से भी तालमेल बैठाया जा रहा है जिससे कि ट्रेनों में किसी भी यात्री के साथ कोई नुकसान न हो। इस प्रकार की किसी भी संभावना होने के चलते तत्काल सुरक्षा को बढ़ाया जा सकता है और संबंधित फैसलों का जायजा रेलवे से किया जाएगा। गाइडलाइंस के मुताबिक रेलवे ने एक और अहम फैसला सुनाया है की ट्रेन के हर प्रारंभिक और निकासी स्टेशन पर अच्छे से साफ सफाई का पालन करना है और सैनिटाइजेशन भी मुख्य बिंदु है। रेलवे ने इन सभी गाइडलाइंस के साथ श्रमिक ट्रेनों में उच्च सफाई रखने के लिए न्यूनतम किराए पर सफाई कर्मी को टॉयलेट साफ रखने के निर्देश दिए हैं और यात्रियों को ट्रेनों में तरल साबुन भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।

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