संसद के दोनों सदनों की सीटों की संख्या में इज़ाफा करने की ज़रुरत : प्रणव मुखर्जी

पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने भारतीय संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा की सीटो की संख्या में जल्द से जल्द इजाफा करने की मांग की है। इंडिया फांउडेशन द्वारा आयोजित अटल स्मृति व्याख्यान में अपनी बात रखते हुए पूर्व राष्ट्रपति ने कहा देश में जनसंख्या लगातार बढ़ने से अब एक सांसद पहले के मुकाबले ज़्यादा लोगों का प्रतिनिधित्व करता है। जिससेउसे काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। 2019 के आमचुनाव को आधार मानें तो आज एक लोकसभा सांसद लगभग 16 लाख मतदातओं का प्रतिनिधित्व करता है। जो दुनिया के और देशों की तुलना में काफी ज्यादा है।
उन्होनें कहा कि लोकसभा में सीटों की संख्या 543 से बढ़ाकर 1000 कर देनी चाहिए और इसी अनुपात में राज्यसभा की सीटों में भी इजाफा करना चाहिए। फिलहाल मौजूदा समय में लोकसभा में सीटों की संख्या की अधिकतम सीमा 552 है और राज्यसभा की सीटों की संख्या की अधिकतम सीमा 250 है।
गौरतलब है कि 1952 में हुए देश के पहले आमचुनाव में लोकसभा की सीटों की संख्या 489 थी जो चुनाव दर चुनाव बढ़ते-बढ़ते 1977 में 552 तक पहुंच गई। बाद में 2002 में ये फैसला किया गया कि सदन में सीटों की संख्या 2026 तक नहीं बढ़ाई जाएगी।

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