लखनऊ में स्वास्थ्य विभाग की टीम का कई निजी अस्पतालों पर छापा, आपरेशन थियेटर में दवा की जगह बीयर की बोतल

देश में कोरोना की दूसरी लहर से हुई बर्बादी की भरपाई अभी हो नहीं पाई थी कि सोमवार को आईसीएमआर ने कोरोना की तीसरी लहर के अगस्त में आने की आशंका जता दी है। जिसको लेकर केंद्र और राज्य सरकारों के बीच हलचल शुरु हो गई है। एक तरफ मोदी सरकार कोरोना की दूसरी लहर के दौरान फेल हुई स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने में जुटी है तो दूसरी तरफ राज्य सरकारें अपने-अपने राज्यों में कोरोना प्रतिरोधक दवाओं, आईसीयू बेड्स, ओटी आदि की व्यवस्थाएं पहले सी सुनिश्चित करने में जुट गई हैं।
कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर राज्य सरकार के निर्देशानुसार उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बीते दिन बड़ी धांधली का खुलासा किया गया। स्वयं को स्वास्थकर्मियों का दर्जा देने वाले डॉक्टर किस तरह मरीजों की ज़िदगियों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं इसका एक नज़ारा बीते दिन कई जगह छापेमारी में देखने को मिला।
दरअसल, राजधानी लखनऊ में चल रहे निजी अस्पतालों में बड़े पैमाने पर मनमानी और नियमों की अनदेखी कर मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ हो रहा है। इस बात का खुलासा तब हुआ जब लखनऊ जिला प्रशासन ने एक साथ 45 अस्पतालों पर छापेमारी कर तथाकथित डॉक्टरों की लापरवाही का भांडाफोड़ दिया।
बता दें, स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की 6 टीमों द्वारा मिलकर चलाए गए इस आपरेशन में पुलिस कर्मियों को किसी अस्पताल के आपरेशन थियेटर में दवा की जगह बीयर की बोतले रखी मिलीं, तो ज्यादातर हास्पिटल का बिना रजिस्ट्रेशन के ही चल रहे थे। इसके अलावा कई अस्पतालों में तो बीएससी पास स्टूडेंट मरीजों का इलाज करते पाए गए।
अस्पतालों के खिलाफ चलाए गए इस संयुक्त अभियान में पुलिल और स्वास्थ्य विभाग की टीमों को बड़ी कामयाबी हांसिल हुई है जिसके बाद जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश के निर्देश पर सीएमओ डॉ मनोज अग्रवाल ने 29 अस्पतालों के खिलाफ नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। साथ ही यह भी आदेश दिया है कि यदि संतोषजनक जवाब अस्पतालों की ओर से न मिला तो ट्रामा सेंटर्स की सीलिंग कर कार्रवाई की जाएगी।

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