यूपी पंचायत चुनाव: अयोध्या-मथुरा-काशी में सपा ने दी भाजपा को करारी मात, नहीं चला ध्रुवीकरण का मुद्दा

उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव 2021 के नतीजों ने भाजपा की नींद उड़ा दी है। वे जिले जिनमें बीजेपी सदैव अपना परचम लहराने का दावा करती है उनमें पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा है। अयोध्या- मथुरा और काशी में पूर्ण हुए जिला पंचायत चुनाव में बीजेपी को सपा ने करारी मात दी है। इन क्षेत्रों में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों ने भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों को हराकर सभी को चौंका दिया है।
रामनगरी अयोध्या में 40 सीटों पर संपन्न हुए चुनावों में सपा ने भाजपा को करारी शिकस्त दी है। जिले में कुल 24 सीटों पर समाजवादी पार्टी ने दबदबा कायम किया है जबकि 13 सीटों पर निर्दलियों ने जीत हांसिल की है। वहीं भाजपा को महज 6 सीटों से ही गुजारा करना पड़ा है।
दरअसल, भारतीय जनता पार्टी हमेशा से ही अयोध्या के मुद्दे को लेकर पूरे देश में राजनीति करती आई है। पार्टी के मैनिफैस्टो में राममंदिर का मसला सदैव शामिल रहा है। इसके बावजूद जिला पंचायत चुनाव के नतीजों ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व तक की नींद उड़ाकर रख दी है।
प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है। यहां की कुल 40 सीटों में से भाजपा ने महज 8 सीटों पर ही जीत दर्ज की है जबकि 14 सीटों पर सपा का कब्जा रहा है। वहीं, बसपा ने 5 सीटें जीतकर अपना दबदबा कायम रखा है। हालांकि बनारस में, अपना दल(एस) को 3 सीट मिली हैं। आम आदमी पार्टी और ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी को भी 1-1 सीट मिली है। इसके अलावा 3 निर्दलीय प्रत्याशियों को भी जीत मिली है।
भागवान कृष्ण की जन्मस्थली मथुरा में भी भाजपा पर गाज गिरी है। यहां मायावती की अध्यक्ष्ता में बहुजन समाज पार्टी ने बाजी मारी है, पार्टी के 12 प्रत्याशियों ने जीत का परचम लहराया है। बसपा के बाद आरएलडी ने 9 सीटों पर जीत दर्ज की है। वहीं, बीजेपी 8 सीटों पर ही सिमट कर रह गई है। हांलाकि, सपा का जादू यहां नहीं चल सका जिसके कारण पार्टी को 1 सीट से काम चलाना पड़ा है। 3 निर्दलीय उम्मीदवार भी विजयी हुए हैं। बता दें कि मथुरा में कांग्रेस को एक भी सीट न मिलने के कारण पार्टी का सूपड़ा साफ हो गया है।
गौरतलब है, यूपी में पूर्ण हुए जिला पंचायत चुनाव को उत्तर प्रदेश में होने वाले 2022 के विधानसभा चुनाव के सेमीफाइनल के रुप में देखा जा रहा है। इन चुनावों से भाजपा को तगड़ा झटका लगा है। चुनाव के नतीजे बयां कर रहे हैं कि बीजेपी की लोकप्रियता में भारी कमी आई है, जिसका असर 2022 के चुनावों में पड़ सकता है।

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