युवा फेसबुक छोड़कर (बुक) यानी पुस्तक लिखेः डॉ बुद्धिनाथ मिश्र

आईआईएमटी न्यूज, नई दिल्ली। देश के युवा पीढ़ी को फेसबुक को छोड़कर, बुक यानी पुस्तक लिखनी चाहिए। देश में सोशल मीडिया के आने की वजह से लोगों के बीच लिखने की होड़ मची हुई है। लोग सोशल मीडिया पर लगातार लिख भी रहे हैं।

क्योंकि यहां पर कोई संपादक नहीं होता। सभी लोग लाइक देखकर खुश भी हो जाते हैं। लेकिन इस बात को भी ध्यान में रखना चाहिए कि ज्यादातर लोग बिना पढ़े ही लाइक और कमेंट कर देते हैं। इसमें खुश होने की जरूरत नहीं है। यह बाते प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ बुद्धिनाथ मिश्र ने मैथिली भोजपुरी अकादमी और मिश्र मैथिली साहित्य महासभा द्वारा आयोजित विद्यापति स्मृति व्याख्यान और मैसाम युवा सम्मान 2019 में कहीं।

कार्यक्रम में वरिष्ठ मैथिली साहित्यकार प्रदीप बिहारी ने भी अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि जल प्रबंधन अंतरराष्ट्रीय विषय है।

मिथिला में लगातार भूजल स्तर कम हो रहा है। गांव के गांव कूड़ेदान में तबदील हो रहे हैं। वहीं इस मौके पर दीपक फाउंडेशन के अध्यक्ष दीपक झा ने कहा कि भाषा को बचाना देश की सीमा बचाने से ज्यादा जरूरी है।

कार्यक्रम में फूजल आंखिक स्वपन की लेखिका रोमिशा को मैसाम युवा सम्मान 2019 से नवाजा गया। दूसरी तरफ महासभा के अध्यक्ष अमरनाथ झा दूवारा संपादित पुस्तक समय राग का भी लोकार्पण किया गया। इस कार्यक्रम का संचालन कंत शरण ने किया। इस मौके पर महासभा के तमाम पदाधिकारियों के अलावा मंत्रेश्वर झा, अशोक प्रियदर्शी, उमेश चतुर्वेदी, आशुतोष कुमार सिंह सहित कई लोग उपस्थित रहे।

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