Site icon IIMT NEWS, Hindi news, हिंदी न्यूज़ , Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Breaking News in Hindi, ताजा ख़बरें

मिर्गी का भी है इलाज, सही समय पर डॉक्टर से ले सलाह

मिर्गी यानी एपिलेप्सी एक न्युरोलॉजिकल डिसॉर्डर है जिसमें किसी व्यक्ति को दौरे पड़ते हैं। मस्तिष्क में किसी प्रकार की गड़बड़ी के कारण लोगों को दौरे आते हैं। मिर्गी रोग में कुछ खास लक्षण भी पाए जाते हैं जैसे मरीज का मुर्क्षित हो जाना, मुँह से झाग निकलना, होठ और चेहरे का नीला पड़ जाना आदि। मिर्गी का प्रभाव शरीर के किसी अंग पर भी पड़ सकता है जैसे कि चेहरा, हाथ या पैर। दौरे के वक्त व्यक्ति का दिमागी संतुलन पूरी तरह गड़बड़ हो जाता है और शरीर लड़खड़ाने लगता है। दौरे के समय लोग में बेहोशी आना, गिर पड़ना, हाथ-पॉव में झटके लगना यह मिर्गी के मुख्य कारण है। मिर्गी मुख्यत: दिमाग की कमजोरी से होता है। यह बीमारी आनुवंशिक या किसी अन्य कारण से भी सकती है। मिर्गी के दौरे मस्तिष्क में रक्तस्राव होने या खून का थक्का जम जाने (स्ट्रोक) से भी आते हैं। गर्भावस्था की जटिलताओं की वजह से औरतों को गर्वावस्था में हुए दिमागी संक्रमण के कारण भी मिर्गी के दौरे पड़ते हैं। दिमागी बुखार और मस्तिष्क में संक्रमण होना भी मिर्गी के दौरे के लक्षण हैं।
एपिलेप्सी के मरीज़ों को सावधानियाँ बरतनी चाहिए जैसे पहले दौरे के तुरंत बाद डॉक्टर से मिलकर उन से सुझाव लेना चाहिए। अगर किसी मरीज को दौरे आ रहे हैं तो मरीज के पास से फर्निचर, तेज़, नुकिली या चुभने वाली वस्तुओं को हटा देनी चाहिए। दौरे के वक्त बदबुदार जूते, सड़े प्याज सुंघाने जैसी वस्तुओं भ्रांतियाँ हैं इन सब से मरीजो को दूर रखना चाहिए। यह रोग लाइलाज नहीं है। देश के कई बड़े अस्पतालों में अब मिर्गी के इलाज भी होने लगे हैं।

Exit mobile version