मास्क करेगा कोरोना और प्रदूषण से बचाव और बताएगा बीमारियों का इलाज, आईआईएमटी कॉलेज की छात्राओं ने किया आविष्कार

वर्तमान समय में कोरोना वायरस के तांडव से पूरी दुनिया परेशान है, विश्व के कई देश अपने-अपने स्तर पर इस जानलेवा महामारी से बचाव के उपाए तलाश रहे हैं। इसी बीच ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क स्थित आईआईएमटी कॉलेज ऑफ इनजिनिरिंग की छात्राओं ने ऐसा स्मार्ट मास्क बनाया है जो कोरोना संक्रमण को रोकने के साथ-साथ कई और काम करेगा। मास्क को इंटरनेट से कंट्रोल किया जाएगा और एक ऐप के माध्यम से फोन द्वारा ऑपरेट किया जाता है।
बीटेक इन इलेक्ट्रॉनिक्स एण्ड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग के फाइनल ईयर की छात्र अंशरा न्याज और अपर्णा ने बताया कि यह मास्क कोरोना के जानलेवा वायरस को मुंह के अंदर जाने से रोकेगा और प्रदूषण से भी बचाव करेगा।
इसे फैब्रिक मैटिरियल से बनाया गया है जो किसी भी नार्मल मास्क के मुकाबले हमारी स्किन को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगा। मास्क का डिजाइन इस तरह से तैयार किया गया है कि सांस लेने के दौरान हवा के तापमान को भी नियंत्रित करेगा। मास्क को बनाने में इंटरनेट ऑफ थिंग्स नेटवर्किंग यानी (आईओटी डिवाइस) तकनीक का प्रयोग किया है जोकि व्यक्ति के स्वास्थ्य संबंधी बिमारियों के बारे में एक एप्लिकेशन के माध्यम में जैसे आप के शरीर का तापमान कितना है और बीपी किस स्तर तक पहुंच चुका है। साथ ही किस बीमारी के लिए आप कौन सी दवाई ले सकते हैं इसके बारे में भी उपयोगकर्ता को सटीक जानकारी देगा। सहायक प्रोफेसर बसंत महतो और विभागाध्यक्ष प्रो डॉ.सीमा नायक के मार्गदर्शन में इस स्मार्ट मास्क को बनाया गया है। डॉ. बसंत महतो ने बताया कि जबकि छोटी-मोटी विसंगतियों से निपटने के लिए बुनियादी सहायता करेगा और मास्क का उपयोग हम एक साल तक कर सकते हैं। कॉलेज ऑफ इनजिनिरिंग के डॉयरेक्टर जनरल डॉ. एमके सोनी का कहना है कि कोरोना को देखते हुए मास्क लोगों के लिए काफी मददगार साबित होगा अगर इसी लागत की बात करें तो मास्क 1000 रूपये में तैयार हो गया है, साथ ही इसको पेटेंट के लिए भेज दिया गया है।
मास्क बनाने की उपलब्धि पर कॉलेज समूह के प्रबंध निदेशक डॉ. मंयक अग्रवाल का कहना है कि कोरोना संकट को देखते हुए उससे जुड़े प्रोटोकॉल बेहद अहम हो गए हैं। यह मास्क आने वाले समय में मील का पत्थर साबित होगा।

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