बहन भाई एक साथ मीनार में गए तो बन जायेगें पति पत्नी, 270 फिट ऊंची मीनार का सात फेरों में हुआ था निर्माण

उत्तर प्रदेश के जनपद जालौन में स्थित अनोखी मीनार जिसमें भाई बहन को एक साथ जाने में प्रतिबंध है। इस मीनार को रावण की लंका के नाम से जानते है। साल 1857 में इसका निर्माण किया गया था। 270 फिट ऊंचाई वाली लंका मीनार जिले के शहर कालपी में स्थापित है। इसका रहस्य पैरों तले जमीन को खिसकाने वाला है। लंका के ऊपरी भाग में चढ़ने के दौरान सात फेरों से होकर गुजरना पड़ता है। ऐसी मान्यता है कि सात फेरे केवल पति और पत्नी के साथ ही सम्पन्न होते है। इस लंका मीनार को सात फेरों से निर्माणित किया गया है। मीनार का निर्माण करने वाले मथुरा प्रसाद प्राचीन समय में रावण का अभिनय करते थे। उनकी पहचान रावण के अभिनय से हुई। इसी कारण उन्होंने शिव मंदिर और लंका का निर्माण करवाया था। पर्यटकों के पहुंचाने की व्यवस्था भारत के सभी राज्यों से उपलब्ध है। हवाई यात्रा लखनऊ इंटरनेशनल एयरपोर्ट से 172 किमी दूरी तय कर लंका मीनार देखने आ सकते है। वहीं रेलमार्ग से उरई व कालपी स्टेशन पहुंचकर लंका मीनार का आनंद उठा सकते हैं। बस सीधा कालपी तक पहुंचाएगी। इसकी दूरी झांसी से 145 किमी और उरई से 36 किमी साथ ही कानपुर से 76 किमी है। ठहरने की उच्चतम व्यवस्थाएं है। कालपी व्यास जी की तपो भूमि मानी जाती है। वेद व्यास जी का जन्म स्थान और तापो स्थली कालपी है। यमुना नदी के तट पर स्थित नगर सुंदरता से निपुण है।

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