पंचायत चुनाव में कोरोना से मारे गए कर्मियों को दिए गए मुआवजे पर पुनर्विचार करे चुनाव आयोग और राज्य सरकार: इलाहाबाद हाईकोर्ट
उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव के दौरान जबरन ड्यूटी लगाए जाने के बाद कर्मियों की मौत के मुआवजे को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने टिप्पणी करते हुए चुनाव आयोग और राज्य सरकार को पुनर्विचार करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने सरकार की ओर से घोषित मुआवजे को नाकाफी बताया है। कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा कि “अध्यापकों, शिक्षामित्रों को जबरन चुनावी टास्क पर लगाया गया, जिससे लोगों की मौत हुई। उनको दिया गया मुआवजा पर्याप्त नहीं है”।
यूपी की योगी सरकार ने इससे पहले न्यायालय को बताया था कि वह कोरोना संक्रमण से मारे गए कर्मियों को 35-35 लाख मुआवजा देगी। लेकिन इस पर कोर्ट ने सहमति न जताते हुए कहा, “यह राशि बहुत कम है। इसे कम से कम-एक-करोड़ होना चाहिए”।
यूपी में बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर दायर की गई जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि प्रत्येक जिले में 3 सदस्यीय पेन्डेमिक पब्लिक ग्रीवांस कमेटी गठित होनी चाहिए। कोर्ट ने इसे 48 घंटे में गठित करने का निर्देश दिया है। साथ ही मुख्य सचिव को कहा है कि सभी जिलाधिकारियों को कमेटी गठन करने के संबंध में निर्देश जारी करें।