दूसरे देशों से आए ऑक्सीजन सिलेंडर और वेंटीलेटर्स राज्यों को हुए आवंटित, दिल्ली हाईकोर्ट ने चिकित्सा उपकरणों को लोगो की मदद के लिए इस्तेमाल करने की दी नसीहत

देश में लगातार कोरोना मरीज और कोविड से होने वाली मौतों की संख्या में बढ़ोतरी से लोगों में खौफ है। अस्पतालों में बेड, वेंटिलेटर, दवा और ऑक्सीजन की भारी किल्लत है। इस बीच कई देश भारत की मदद को आगे आए हैं। इसके तहत ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र और वेंटीलेटर्स दूसरे देशों से भेजे गए हैं। भारत सरकार ने ये सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को आवंटित कर दिए हैं।
बताया जा रहा है कि अभी तक देश में 1764 कंसेंट्रेटर्स, 1760 ऑक्सीजन सिलेंडर, सात ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र, 450 वेंटिलेटर और 1.35 लाख से ज्यादा रेमेडिसिविर के शीशियां भेजी जा चुकी हैं।
दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को नसीहत देते हुए कहा है कि विदेशों से सहायता के रूप में आने वाले चिकित्सा उपकरण लोगों की मदद के लिए हैं और इस बात का ख्याल रखा जाए कि यह बक्से में बंद ना रह जाएं। जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस रेखा पल्ली की पीठ ने केंद्र सरकार से कहा कि वो कस्टम से ऐसे उपकरणों को जल्द क्लीयरेंस दिलवाए ताकि उन्हें लोगो के उपचार में प्रयोग किया जा सके। वहीं, केंद्र ने स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करते हुए बताया कि 24 अप्रैल से चार मई तक कस्टम विभाग ने एक लाख से अधिक आक्सीजन कंसंट्रेटर को क्लीयरेंस दी है और मंगलवार तक 907 इकाइयां लंबित हैं।

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