तालिबान के प्रवक्ता का बड़ा बयान, कहा- कश्मीर के मुस्लिमों के लिए आवाज़ उठाने का पूरा हक

एक तरफ भारत सरकार तालिबान के साथ औपचारिक वार्ता की शुरुआत कर रही है तो दूसरी तरफ चरमपंथी संगठन कश्मीर मुद्दे पर रोना रोने से बाज नहीं आ रहा है। दरअसल, कट्टरपंथी विचारधारा को मानने वाले तालिबानी प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने एक इंटरनैशनल मीडिया हाउस को दिए इंटरव्यू में भारत और पाकिस्तान के बीच वर्षों से चले आ रहे कश्मीर मुद्दे पर रोना रोया है। प्रवक्ता ने कहा है कि उनके संगठन को जम्मू-कश्मीर सहित दुनियाभर के मुसलमानों के लिए आवाज उठाने का अधिकार है।
इसके उलट, तालिबान का नेतृत्व पहले ही कह चुका है कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनावपूर्ण मुद्दों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देगा और अपनी जमीन का इस्तेमाल किसी देश के खिलाफ नहीं होने देगा।
गौरतलब है, तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के साथ हुए दोहा समझौते का जिक्र करते हुए कहा कि वे किसी भी देश के खिलाफ सशस्त्र अभियान तो नहीं चलाएंगे लेकिन एक मुसलमान होने के नाते हमें इस बात का पूरा हक है कि हम भारत और अन्य देशों के मुसलमानों के लिए आवाज़ उठाएं। उन्होंने आगे कहा कि हम सभी देशों से मुस्लिम नागरिकों के प्रति समानता बरतने की अपील करेंगे। बता दें, तालिबान के इस बयान से दो प्रश्न खड़े हो गए हैं। पहला यह कि चीन में उइगर मुसलमानों के साथ होने वाला अत्याचार तालिबान के लिए मायने नहीं रखता? दूसरा कि 31 अगस्त को भारत और तालिबान के बीच हुई औपचारिक वार्ता के दौरान केंद्र सरकार की ओर से यह मांग रखी गई थी कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों के लिए नहीं किया जाना चाहिए जिसपर तालिबान ने हामी भी भरी थी। अब प्रश्न यह उठ रहा है कि क्या तालिबान अपने इस वादे मुकर रहा है?

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